एक किशोर के रूप में, रेयान ने अपनी माँ को कैंसर के कारण खो दिया l उसने खुद को बेघर पाया और जल्द ही स्कूल छोड़ दिया l वह निराश महसूस करता था और अक्सर भूखा रहता था l वर्षों बाद, रेयान ने एक गैर-लाभकारी संस्था की स्थापना की जो दूसरों को, विशेष रूप से छोटे बच्चों को, अपने बगीचे में उगाए गए आहार को रोपने, फसल काटने और तैयार करने के लिए सशक्त बनाती है l संगठन इस विश्वास पर बना है कि किसी को भी भोजन के बिना नहीं रहना चाहिए और जिनके पास कुछ है उन्हें उन लोगों की देखभाल करनी चाहिए जिनके पास नहीं है l दूसरों के लिए रेयान की चिंता न्याय और दया के लिए ईश्वर के हृदय से प्रतिध्वनित होती है l
हम जिस दर्द और पीड़ा का सामना करते हैं, ईश्वर उसकी बहुत परवाह करता है l जब उसने इस्राएल में भयानक अन्याय देखा, तो उसने उनके पाखण्ड को उजागर करने के लिए नबी आमोस को भेजा l जिन लोगों को परमेश्वर ने एक बार मिस्र में उत्पीडन से बचाया था, वे अब अपने पड़ोसियों को एक जोड़ी जूती के लिए गुलामी में बेच रहे थे (आमोस 2:6 ) l उन्होंने निर्दोष लोगों को धोखा दिया, उत्पीड़ितों को न्याय देने से इनकार कर दिया, और गरीबों के “सर पर की धूल का भी लालच करते [थे]”(पद.6-7), जबकि ये सब भेंट और पवित्र दिनों के साथ परमेश्वर की उपासना करने का दिखावा करते थे (4:4-5) l
आमोस ने लोगों से विनती की, “बुराई को नहीं, भलाई को ढूढ़ों, ताकि तुम जीवित रहो; और तुम्हारा यह कहना सच ठहरे कि सेनाओं का परमेश्वर यहोवा तुम्हारे संग है” (5:14) l रेयान की तहर, हममें से प्रत्येक ने जीवन में दूसरों से जुड़ने और सहायता करने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त दर्द और अन्याय का अनुभव किया है l समय “भलाई की तलाश” करने और हर प्रकार के न्याय को स्थापित करने में उसके साथ शामिल होने का है l
आप दूसरों को ऐसा कौन सा अन्याय सहते हुए देखते हैं जो आपके अपने अनुभव से मेल खाता है? परमेश्वर उनकी सहायता के लिए आपका उपयोग कैसे कर सकता है?
न्याय के परमेश्वर, हमारे संसार में दर्द और पीड़ा से आँखें न मोड़ने के लिए आपका धन्यवाद l