उद्धार प्राप्त करने और अपना जीवन परमेश्वर को समर्पित करने के कुछ वर्षों के बाद, मैंने महसूस किया कि वह मुझे अपनी पत्रकारिता आजीविका(journalism career) त्यागने का निर्देश दे रहा है l जैसे ही मैंने अपनी कलम रखी और मेरी लेखनी छुप गयी, मैं यह महसूस किए बिना नहीं रह सका कि एक दिन परमेश्वर मुझे अपनी महिमा के लिए लिखने के लिए बुलाएगा l अपने व्यक्तिगत जंगल/सुनसान प्रदेश में भटकने के वर्षों के दौरान मुझे निर्गमन 4 में मूसा और उसकी लाठी की कहानी से प्रोत्साहन मिला l 

मूसा, जो फिरौन के महल में पला-बढ़ा था और जिसका भविष्य आशाजनक था, मिस्र से भाग गया और एक चरवाहे के रूप में गुमनामी में रह रहा था जब परमेश्वर ने उसे बुलाया l मूसा ने सोचा होगा कि उसके पास परमेश्वर को देने के लिए कुछ भी नहीं है, लेकिन उसने सिखा कि वह अपने महिमा के लिए किसी को भी और किसी भी चीज़ का उपयोग कर सकता है l 

“तुम्हारे हाथ में वह क्या है?” परमेश्वर ने पूछा l मूसा ने उत्तर दिया, “एक लाठी l” परमेश्वर ने कहा, “इसे भूमि पर फेंक दे” (निर्गमन 4:2-3) l मूसा की साधारण लाठी सांप बन गयी l जब उसने सांप को पकड़ लिया, तो परमेश्वर ने उसे वापस लाठी में बदल दिया (पद.3-4) l यह चिन्ह इसलिए दिया गया था ताकि इस्राएली विशवास करें कि “यहोवा, उनके पूर्वजों का परमेश्वर—अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर और याकूब का परमेश्वर—उनके सामने प्रकट हुआ है” (पद.5) l जैसे ही मूसा ने अपने लाठी को नीचे फेंका और उसे फिर से उठाया, मैंने परमेश्वर की आज्ञाकारिता में एक पत्रकार के रूप में अपनी आजीविका/career उसके समक्ष रख दी l बाद में, उसने मुझे फिर से कलम उठाने के लिए निर्देशित किया और अब मैं उसके लिए लिख रहा हूँ l 

हमें परमेश्वर द्वारा उपयोग किये जाने के लिए बहुत कुछ की ज़रूरत नहीं है l हम बस उन प्रतिभाओं से उसकी सेवा कर सकते हैं जो उन्होंने हमें दी है l निश्चित नहीं हैं कि कहाँ से आरम्भ की जाए? आपके हाथ में क्या है?