मध्य और दक्षिण अमेरिका के दो प्यारे और मेहनती माता-पिता की बेटी होने के नाते, मैं आभारी हूँ कि उनमें बेहतर अवसरों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवास करने वाले अपने परिवार के पहले व्यक्ति होने का साहस था l वे न्यूयॉर्क शहर में युवा वयस्कों के रूप में मिले, विवाह किया, उनके पास मेरी बहन और मैं थी, और वे आगे बढ़कर अपना-अपना व्यवसाय चलाने लगे l 

न्यूयॉर्क के मूल निवासी के रूप में, मैं अपनी हिस्पैनिक/Hispanic(लातिनी अमरिकी) विरासत को अपनाते हुए बड़ी हुयी हूँ और विविध पृष्ठभूमि के लोगों से आकर्षित हुयी हूँ l उदाहरण के लिए, मैंने एक बार एक बहुसांस्कृतिक(multicultural) चर्च में एक शाम की आराधना में विश्वास की अपनी कहानी साझा की थी जो एक पूर्व ब्रॉडवे थिएटर(Broadway theater) में इकठ्ठा होती है l परमेश्वर के प्रेम के बारे में एक बहुसांस्कृतिक समूह से बात करना केवल इस बात की एक झलक है कि स्वर्ग कैसा होगा जब हम विभिन राष्ट्रों के लोगों को मसीह की देह के रूप में एक साथ मिलते देखेंगे l 

प्रकाशितवाक्य में, प्रेरित यूहन्ना हमें स्वर्ग का यह अद्भुत चित्र देता है : “मैंने दृष्टि की, और देखो, हर एक जाति और कुल और लोग और भाषा में से एक ऐसी बड़ी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था . . . मेमने के सामने खड़ी है”(प्रकाशितवाक्य 7:9) l हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर को “स्तुति और महिमा’ प्राप्त होगी और इससे भी अधिक वह “युगानुयुग बनी रहे”(पद.12) l 

अभी तो हमें बस एक झलक मिली है कि स्वर्ग कैसा होगा l लेकिन एक दिन, हम जो यीशु में विश्वास करते हैं, उनके साथ और विभिन्न देशों, संस्कृतियों और भाषाओं के लोगों के साथ एकजुट होंगे l चूँकि परमेश्वर राष्ट्रों से प्रेम करता है, आइये हम भी मसीह में अपने वैश्विक परिवार से प्रेम करें l