महान विभाजन
एक उत्कृष्ट/क्लासिक पीनट्स(Peanuts) कॉमिक स्ट्रिप में, लाइनस का मित्र ग्रेट पमकिन/बड़ा कद्दू(Great Pumpkin) में उसके विश्वास के लिए उसे डांटता है l उदास होकर चलते हुए, लाइनस कहता है, “तीन चीज़ें है जो मैंने सीखी हैं कि कभी भी लोगों के साथ चर्चा नहीं करनी चाहिए . . . धर्म, राजनीति और ग्रेट पमकिन!”
ग्रेट पमकिन केवल लाइनस के दिमाग में मौजूद था, लेकिन अन्य दो विषय बिल्कुल वास्तविक हैं—राष्ट्रों, परिवारों और मित्रों को विभाजित करते हैं l यह समस्या यीशु के समय में भी उत्पन्न हुयी थी l फरीसी अत्यधिक धार्मिक थे और पुराने नियम की व्यवस्था का शब्दशः पालन करने का प्रयास करते थे l हेरोदी लोग(यहूदियों का एक सम्प्रदाय जो यीशु का विरोध करते थे) अधिक राजनितिक थे, फिर भी दोनों समूह यहूदी लोगों को रोमी उत्पीड़न से मुक्त देखना चाहते थे l ऐसा प्रतीत होता है कि यीशु उनके लक्ष्यों को साझा नहीं करता था l इसलिए वे एक राजनितिक रूप से आरोपित प्रश्न के साथ उसके पास आए : क्या कैसर को कर देना उचित है या नहीं?(मरकुस 12:14-15) l यदि यीशु ने हाँ कहा, तो लोग उससे नाराज़ हो जाएंगे l यदि उसने नहीं कहा, तो रोमी उसे विद्रोह के लिए गिरफ्तार कर सकते थे l
यीशु ने एक सिक्का माँगा l “यह छाप और नाम किसका है?” उसने पुछा(पद.16) l हर कोई जानता था कि यह कैसर का था l यीशु के शब्द आज भी गूंजते हैं : “जो कैसर का है वह कैसर को, और जो परमेश्वर का है परमेश्वर को दो”(पद.17) l अपनी प्राथमिकताओं को व्यवस्थित रखते हुए, यीशु उनके जाल से बचा रहा l
यीशु अपने पिता की इच्छा पूरी करने आया था l उसकी अगुआई का अनुसरण करते हुए, हम भी सब से ऊपर परमेश्वर और उसके राज्य की तलाश कर सकते हैं, ध्यान को सभी मतभेदों से हटाकर उस व्यक्ति की ओर निर्देशित कर सकते हैं जो सत्य है l
एक खूबसूरत आश्चर्य
जोती हुयी भूमि में एक रहस्य था—कुछ छिपा हुआ l अपने विवाह की पचासवीं वर्षगाँठ की तैयारी में, ली विल्सन(Lee Wilson) ने अपनी पत्नी को शायद सबसे भव्य पुष्प उपहार देने के लिए अपनी अस्सी एकड़ भूमि अलग कर दी थी l उसने गुप्त रूप से सूरजमुखी के अनगिनत बीज बोए जिनसे अंततः 1.2 मिलियन(1,200,000) सुनहरे पौधे बन गए—जो उनकी पत्नी के पसंदीदा थे l जब सूरजमुखी ने अपने पीले मुकुट/सिर उठाए, तो रिनीRenee) ली(Lee) के प्यार के खूबसूरत प्रदर्शन से हैरान हो गयी l
नबी यशायाह के द्वारा यहूदा के लोगों से बात करते हुए, परमेश्वर ने उनके साथ एक रहस्य साझा किया : “यद्यपि वे अभी देख नहीं सकते थे, उसके प्रति उनकी अविश्वासयोग्यता के लिए उनके विरुद्ध न्याय का वादा करने के बाद,(यशायाह 3:1-4:1), एक नया और सुनहरा दिन उदय होगा l “उस समय इस्राएल के बचे हुओं के लिए यहोवा की डाली, भूषण और महिमा ठहरेगी, और भूमि की उपज, बड़ाई और शोभा ठहरेगी”(4:2) l हाँ, उन्हें बेबीलोन के हाथों तबाही और दासत्व का अनुभव होगा, लेकिन फिर एक सुन्दर “डाली”—भूमि से एक नयी कोपल—दिखायी देगी l उसके लोगों में से बचे हुए अलग किये हुए लोग (“पवित्र,” पद.3), शुद्ध किये हुए (पद.4), और उसके द्वारा प्रेमपूर्वक नेतृत्व और देखभाल किये हुए (पद.5-6) l
हमारे दिन अंधकारमय लग सकते हैं, और परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं की पूर्ति छिपी हुयी है l लेकिन जब हम विश्वास के साथ उससे जुड़े रहेंगे, एक दिन उसकी सभी “बहुमूल्य और बड़ी प्रतिज्ञाएँ” पूरी हो जाएंगी(2 पतरस 1:4) l एक खूबसूरत नया दिन इंतज़ार कर रहा है l
प्रार्थना करने के लिए ठहर जाएँ
मिसिसिपी(Mississippi) में एक मौसम विज्ञानी 24 मार्च, 2023 को अपने मौसम पूर्वानुमान के दौरान छह सरल लेकिन गहन शब्द बोलने के लिए वायरल हो गया l मैट लॉभैन एक भयंकर तूफ़ान पर नज़र रख रहे थे जब उन्हें एहसास हुआ कि एमोरी(Amory) शहर में एक विनाशकारी बवंडर(tornado) आने वाला था l तभी लॉभैन ने लाइव टीवी पर रूककर संसान भर में सुनी जा सकने वाली इस प्रार्थना को कहा : “प्रिय यीशु, उनकी मदद करें l आमीन l” कुछ दर्शकों ने बाद में कहा कि प्रार्थना ने उन्हें छिपने के लिए प्रेरित किया l उनकी सहज और हृदय की प्रार्थना ने अनगिनित लोगों की जान बचाने में मदद की होगी l
हमरी प्रार्थनाएं भी फर्क ला सकती हैं l उन्हें उबाऊ होने की ज़रूरत नहीं है l वे संक्षिप्त और मधुर हो सकते हैं और दिन के किसी भी समय कहे जा सकते हैं l चाहे हम काम पर हों, काम-काज कर रहे हों, या छुट्टियों पर हों, हम “निरंतर प्रार्थना” कर सकते हैं(1 थिस्सलुनीकियों 5:17) l
परमेश्वर को पूरे दिन हमारी प्रार्थना सुनना अच्छा लगता है l प्रेरित पौलुस हमें याद दिलाता है कि हमें चिंता या भय का कैदी नहीं बनना है, बल्कि हम अपनी सभी चिंताओं और देखभाल को परमेश्वर तक पहुँचा सकते हैं : “किसी भी बात की चिंता मत करो, परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किये जाएं l तब परमेश्वर की शांति, जो सारी समझ से परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी”(फिलिप्पियों 4:6-7) l
चाहे हम धुप वाले दिन का आनंद ले रहे हों या जीवन के शाब्दिक या प्रतीकात्मक तूफानों से प्रभावित हो रहे हों, आइये पूरे दिन थोड़ा ठहर कर और प्रार्थना करना याद रखें l
सामान से छुटकारा
कॉलेज में, मैंने एक सत्र के लिए विलियम शेक्सपियर के लेखन का अध्ययन किया l कक्षा को एक विशाल पाठ्यपुस्तक की आवश्यकता थी जिसमें शेक्सपियर द्वारा लिखी गयी हर चीज़ शामिल हो l किताब का वजन कई पौंड(pound) था, और मुझे इसे उठाकर कई घंटों तक ले जाना पड़ा l उस वजन को इधर-उधर ले जाने से मेरी पीठ में दर्द होने लगा और अंततः मेरे पुस्तक के बैग का बंधन टूट गया!
कुछ चीज़ें हमारे उठाने के लिए बहुत भारी होती हैं l उदाहरण के लिए, अतीत की चोट का भावनात्मक बोझ हमें कड़वाहट और नफरत से दबा सकता है l परन्तु परमेश्वर चाहता है कि हम लोगों को क्षमा करके और, जब संभव हो, उनके साथ मेल-मिलाप करके स्वतंत्रता प्राप्त करें(कुलुस्सियों 3:13) l दर्द जितना गहरा होगा, इसमें उतना ही अधिक समय लग सकता है l वह ठीक है l एसाव को याकूब को उसके पहिलौठे का अधिकार और आशीष को चुराने के लिए माफ़ करने में कई साल लग गए(उत्पत्ति 27:36) l
जब अंततः दोनों एक हो गए, तो एसाव ने दयालुतापुर्वक अपने भाई को माफ़ कर दिया और “उसको हृदय से [लगाया](33:4) l इससे पहले कि वे दोनों फूट-फूट कर रोने लगे, एक शब्द का भी आदान-प्रदान नहीं हुआ l समय के साथ, एसाव ने उस क्रोध को त्याग दिया जिसके कारण वह हत्या के बारे में सोचने लगा था(27:41) l और उन सभी वर्षों में याकूब को यह देखने का मौक़ा मिला कि उसने अपने भाई को कितना नुकसान पहुँचाया था l सम्पूर्ण पुनर्मिलन के दौरान वह विनम्र और सम्मानजनक था(33:8-11) l
अंत में, दोनों भाई उस स्थान पर आए जहां किसी को भी एक दूसरे से कुछ भी नहीं चाहिए था(पद.9,15) l यह क्षमा करने और क्षमा किये जाने तथा अतीत के भारी बोझ से मुक्त होकर चले जाने के लिए पर्याप्त था l