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Articles by टिम गस्टफसन

डोरी जो उपयोग करने के लिए बहुत छोटी है

आंटी मार्गरेट की कमखर्ची प्रसिद्ध थी। उसके गुजर जाने के बाद, उसकी भतीजियों ने उसके सामान को छांटने का पुरानी यादों से भरा दुःख और ख़ुशी का काम शुरू किया। । उन्होंने एक दराज में,  बड़े करीने से एक छोटे से प्लास्टिक बैग के अंदर, डोरी के छोटे टुकड़ों के कई चीज़ें को पाया। लेबल पर लिखा था : “डोरी उपयोग करने के लिए बहुत छोटी है।“  किसी को किसी ऐसी चीज़ को रखने और श्रेणीबद्ध करने के लिए क्या प्रेरित करेगा जिसे वह जानता हो कि वह किसी काम की नहीं है? शायद यह व्यक्ति कभी अत्यधिक तंगी जानता था। 
जब इस्राएली मिस्र की गुलामी से भागे थे,  तो वे अपने पीछे कठिनाई भरा जीवन छोड़ आए थे। लेकिन वे जल्द ही उनको वहाँ से निकालने में परमेश्वर के चमत्कारी हाथ को भूल गए और भोजन की कमी की शिकायत करने लगे। परमेश्वर चाहता था कि वे उस पर भरोसा करें। जंगल में उनके भोजन के लिए उसने उन्हें मन्ना दिया,  उसने मूसा से कहा, “ये लोग प्रतिदिन बाहर जाकर प्रतिदिन का भोजन इकठ्ठा करेंगे” (निर्गमन 16:4) । परमेश्वर ने उन्हें यह भी निर्देश दिया कि वे छठे दिन दूना इकट्ठा करें,  क्योंकि सब्त के दिन कोई मन्ना नहीं गिरेगा (पद. 5,25) । कुछ इस्राएलियों ने सुना । कुछ ने नहीं सुनी, जिसका परिणाम पूर्वानुमानित था। (पद. 27-28) । 
 
बहुतायत के समय में और निराशा के समय में, नियंत्रित करने की बेताब कोशिश में, पकड़े रखना और जमाखोरी करना ललचानेवाला हो सकते हैं। पर सब कुछ अपने उत्तेजित हाथों में लेने की आवश्यकता नहीं है। “डोरी के टुकड़े जमा करने” की आवश्यकता नहीं है—या कुछ भी जमा करने की आवश्यकता नहीं है । हमारा विश्वास परमेश्वर पर है,  जिसने प्रतिज्ञा की है,  “मैं तुझे कभी न छोडूंगा;  मैं तुझे कभी न त्यागूंगा” (इब्रानियों 13:5) । 
 

सदैव ऊंचाइयों की ओर

 एक कवयित्री और धार्मिक लेखिका क्रिस्टीना रोसेटी ने पाया कि उनके लिए जीवन में कुछ भी आसान नहीं था। वह अपने पूरे जीवन में निराशा और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित रही और सगाई का टूटना सहा। आखिरकार उसकी कैंसर से मौत हो गई। 
  
दाऊद इजराइल के लिए एक विजयी योद्धा था, फिर भी दाऊद ने अपने पूरे जीवन में कठिनाइयों का सामना किया। उसके शासनकाल के अंत में,  उसका अपना पुत्र,  उसके विश्वस्त सलाहकार और देश के अधिकांश लोगों के साथ, उसके विरुद्ध हो गया (2 शमूएल 15:1-12)। इसलिए दाऊद एब्यातार और सादोक याजकों को और परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को अपने साथ ले गया और यरूशलेम से भाग गया (पद 14, 24)। 
जब एब्यातार परमेश्वर के लिये बलिदान चढ़ा चुका,  तब दाऊद ने याजकों से कहा,  “परमेश्वर के सन्दूक को नगर में लौटा ले जा। यदि यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो, तो वह मुझे लौटाकर उसको और अपने वासस्थान को भी दिखाएगा;" (पद. 25) l अनिश्चितता के बावजूद,  दाऊद ने कहा, "परन्तु यदि वह [परमेश्‍वर] मुझ से ऐसा कहे, कि मैं तुझ से प्रसन्न नहीं, तौभी मैं हाजिर हूं, जैसा उसको भाए वैसा ही वह मेरे साथ बर्त्ताव करे।"  (पद. 26) l वह जानता था कि वह परमेश्वर पर भरोसा रख सकता है। 
क्रिस्टीना रॉसेटी ने भी परमेश्वर पर भरोसा रखा,  और उसका जीवन आशा में समाप्त हुआ। पूरा मार्ग वास्तव में कठिन (घुमावदार) हो सकता है,  लेकिन यह हमारे स्वर्गीय पिता की ओर ले जाता है,  जो खुले दिल से से हमारी प्रतीक्षा करता है । 

अद्भुत की ओर एक खिड़की

फोटोग्राफर रॉन मुरे(Ron Murray) को ठंडा मौसम पसंद है l वह बताते हैं, “ठण्ड का मतलब साफ़ आसमान है l” “और वह अद्भुत की ओर एक खिड़की खोल सकता है!” 

रॉन पृथ्वी के सबसे शानदार लाइट शो—ऑरोरा बोरेलिस/aurora borealis(the northern lights-एक स्वाभाविक रोशनी है) पर नज़र रखने के लिए समर्पित अलास्का फोटोग्राफी पर्यटन प्रदान करते हैं l मुरे अनुभव को “बहुत आध्यात्मिक” बताते हैं l यदि आपने कभी इस इन्द्रधनुषी प्रदर्शन को आकाश में नृत्य करते देखा है, तो आप समझ जाएंगे कि क्यों l 

लेकिन रोशनी केवल उत्तरी अद्भुत घटना(northern phenomenon) नहीं है l ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस/aurora australis, ऑरोरा बोरेलिस/aurora borealis के समान, दक्षिण में एक साथ होता है—एक ही तरह की रोशनी l 

शिष्य यूहन्ना द्वारा क्रिसमस की कहानी बताने में, वह गौशाला और चावाहों को छोड़कर सीधे उसके पास जाता है जो “मनुष्यों की ज्योति” है(यूहन्ना 1:4) l जब यूहन्ना बाद में एक स्वर्गिक नगर के बारे में लिखता है, तो वह उसके प्रकाश के श्रोत का वर्णन करता है l इस “नगर में सूर्य और चाँद के उजियाले की आवश्यकता नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज से उस में उजियाला हो रहा है, और मेम्ना उसका दीपक है”(प्रकाशितवाक्य 21:23) l यह प्रकाश श्रोत यीशु है—वही श्रोत जो यूहन्ना 1 में वर्णित है l और जो लोग इस भविष्य के निवास में रहते हैं, उनके लिए “फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले की आवश्यकता न होगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा”(22:5) l 

जब हमारा जीवन संसार की इस रोशनी को प्रतिबिंबित करता है—जिसने ऑरोरा बोरेलिस/aurora borealis और ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस/aurora australis बनाया—हम वास्तव में अद्भुत की ओर एक खिड़की खोलते हैं l 

अपने शत्रु से प्रेम

द्वितीय विश्व युद्ध के समय, अमेरिकी नौसेना के मेडिकल कॉर्प्समैन/corpsman(सेना में चिकित्सीय अर्दली) लिन वेस्टन शत्रु के कब्जे वाले टापुओं पर धावा बोलने के दौरान नौसैनिकों के साथ तट पर गए l अनिवार्य रूप से, अत्यधिक हताहत हुए थे l उन्होंने घायल लड़ाकों को बाहर निकालने के लिए उनकी मरहम-पट्टी करने का पूरा प्रयास किया l एक समय, उनकी इकाई को एक शत्रु सैनिक मिला जिसके पेट में गंभीर घाव था l उस चोट में उस व्यक्ति को पानी नहीं दिया जा सकता था l उसे जीवित रखने के लिए, वेस्टन ने अंततःशिरा प्लाज्मा(intravenous plasma) दिया l 

“उस प्लाज्मा को हमारे मित्रों के लिए बचाकर रखो, नौसैनिक!” नौसैनिकों में से एक चिल्लाया l वेस्टन ने उसको अनदेखा किया l वह जानता था कि यीशु क्या करता : “अपने बैरियों से प्रेम रखो”(मत्ती 5:44) l 

यीशु ने उन चुनौतीपूर्ण शब्दों को बोलने से कहीं अधिक उन्हें जीता था l जब एक शत्रुतापूर्ण भीड़ ने उसे पकड़ कर महायाजक के पास ले गयी, “जो मनुष्य यीशु को पकड़े हुए थे, वे उसे ठठ्ठों में उड़ाकर पीटने लगे”(लूका 22:63) l उनके दिखावटी मुकदमों और अमल के दौरान दुर्व्यवहार जारी रहा l यीशु ने इसे केवल सहन नहीं किया l जब रोमी सैनिकों ने उसे क्रूस पर चढ़ाया, तो उसने उनकी क्षमा के लिए प्रार्थना की(23:34) l 

हो सकता है कि हमारा सामना किसी वास्तविक शत्रु से न हो जो हमें मारने का प्रयास कर रहा हो l लेकिन विदित है कि उपहास और तिरस्कार सहना कैसा होता है l हमारी स्वाभाविक प्रतिक्रिया क्रोध में प्रतिक्रिया देना होता है l यीशु ने मानक बताया : “अपने सतानेवालों के लिए प्रार्थना करो”(मत्ती 5:44) l 

महान विभाजन

एक उत्कृष्ट/क्लासिक पीनट्स(Peanuts) कॉमिक स्ट्रिप में, लाइनस का मित्र ग्रेट पमकिन/बड़ा कद्दू(Great Pumpkin) में उसके विश्वास के लिए उसे डांटता है l उदास होकर चलते हुए, लाइनस कहता है, “तीन चीज़ें है जो मैंने सीखी हैं कि कभी भी लोगों के साथ चर्चा नहीं करनी चाहिए . . . धर्म, राजनीति और ग्रेट पमकिन!”

ग्रेट पमकिन केवल लाइनस के दिमाग में मौजूद था, लेकिन अन्य दो विषय बिल्कुल वास्तविक हैं—राष्ट्रों, परिवारों और मित्रों को विभाजित करते हैं l यह समस्या यीशु के समय में भी उत्पन्न हुयी थी l फरीसी अत्यधिक धार्मिक थे और पुराने नियम की व्यवस्था का शब्दशः पालन करने का प्रयास करते थे l हेरोदी लोग(यहूदियों का एक सम्प्रदाय जो यीशु का विरोध करते थे) अधिक राजनितिक थे, फिर भी दोनों समूह यहूदी लोगों को रोमी उत्पीड़न से मुक्त देखना चाहते थे l ऐसा प्रतीत होता है कि यीशु उनके लक्ष्यों को साझा नहीं करता था l इसलिए वे एक राजनितिक रूप से आरोपित प्रश्न के साथ उसके पास आए : क्या कैसर को कर देना उचित है या नहीं?(मरकुस 12:14-15) l यदि यीशु ने हाँ कहा, तो लोग उससे नाराज़ हो जाएंगे l यदि उसने नहीं कहा, तो रोमी उसे विद्रोह के लिए गिरफ्तार कर सकते थे l 

यीशु ने एक सिक्का माँगा l “यह छाप और नाम किसका है?” उसने पुछा(पद.16) l हर कोई जानता था कि यह कैसर का था l यीशु के शब्द आज भी गूंजते हैं : “जो कैसर का है वह कैसर को, और जो परमेश्वर का है परमेश्वर को दो”(पद.17) l अपनी प्राथमिकताओं को व्यवस्थित रखते हुए, यीशु उनके जाल से बचा रहा l 

यीशु अपने पिता की इच्छा पूरी करने आया था l उसकी अगुआई का अनुसरण करते हुए, हम भी सब से ऊपर परमेश्वर और उसके राज्य की तलाश कर सकते हैं, ध्यान को सभी मतभेदों से हटाकर उस व्यक्ति की ओर निर्देशित कर सकते हैं जो सत्य है l 

भुगतान

1921 में, कलाकार सैम रोडिया(Sam Rodia) ने अपने वाट्स टावर्स(Watts Towers) का निर्माण शुरू किया l तैतीस साल बाद, सत्रह मूर्तिकला लॉस एंजेल्स(Los Angeles) के ऊपर तीस मीटर तक ऊंची हो गयीं l संगीतकार जेरी गार्सिया(Jerry Garcia) रोडिया के जीवन-कार्य को ख़ारिज कर रहे थे l गार्सिया ने कहा, “यही भुगतान/परिणाम/ईनाम है l” “वह चीज़ जो आपके मरने के बाद भी मौजूद रहती है l” फिर उन्होंने कहा, “वाह, यह मुझे पसंद नहीं है l’

तो उसके लिए भुगतान क्या था? उनके सहयोगी बॉब वियर(Bob Wier) ने उनके दर्शन को संक्षेप में बताया : “अनंत काल में कुछ भी याद नहीं किया जाएगा l तो क्यों न केवल आनंद लिया जाए?” 

एक धनी, बुद्धिमान व्यक्ति ने एक बार वह सब कुछ करके जो वह संभवतः कर सकता था “भुगतान/ईनाम(payoff)” खोजने की कोशिश की l उसने लिखा, “चल, मैं तुझ को आनंद के द्वारा जाचूँगा”(सभोपदेशक 2:1) l लेकिन उसने कहा, “न तो बुद्धिमान का और न मूर्ख का स्मरण सर्वदा बना रहेगा”(पद.16) l उसने निष्कर्ष निकला, “जो काम संसार में किया जाता है मुझे बुरा मालूम हुआ”(पद.17) l 

यीशु का जीवन और सन्देश ऐसे अदूरदर्शी जीवन(shortsighted living) का मौलिक रूप से विरोध करता है l यीशु हमें “बहुतायत का जीवन” देने के लिए आया (यूहन्ना 10:10) और हमें आनेवाले जीवन को ध्यान में रखते हुए इस जीवन को जीना सिखाया l उसने कहा, “पृथ्वी पर धन इकट्ठा न करो” “परन्तु अपने लिए स्वर्ग में धन इकट्टा करो”(मत्ती 6:19-20) l फिर उसने निचोड़/रहस्य बताया : “पहले तुम परमेश्वर के राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएँगी”(पद.33) l 

यही भुगतान है—सूर्य के नीचे और उसके पार भी l 

एक वर्ष में बाइबिल

1960 में, ओटो प्रेमिंगर ने अपनी फिल्म एक्सोडस से विवाद खड़ा कर दिया। यह फिल्म द्वितीय विश्व युद्ध के बाद फिलिस्तीन में प्रवास करने वाले यहूदी शरणार्थियों का एक काल्पनिक विवरण प्रदान करती है। फिल्म का अंत एक युवा यहूदी लड़की और एक अरब व्यक्ति के शवों के साथ होता है, जो हत्या के शिकार थे। इन्हें एक ही कब्र में दफनाया गया होता है, जो जल्द ही इस्राएल राष्ट्र में तब्दील होगा।

प्रीमिंगर निष्कर्ष हम पर छोड़ते है। क्या यह निराशा का रूपक है, एक सपना जो हमेशा के लिए दफन हो गया है? या यह आशा का चिन्ह है, क्योंकि घृणा और शत्रुता के इतिहास वाले दो लोग एक साथ आए हैं - मृत्यु में और जीवन में?

शायद कोरह के पुत्र, जिन्हें भजन 87 लिखने का श्रेय दिया जाता है, इस दृश्य के दूसरे भाग को चुनते है। वें ऐसी शांति की आशा रखते है जिसका हम अभी भी इंतजार कर रहे हैं। यरूशलेम के बारे में, उन्होंने लिखा, "हे परमेश्वर के नगर, तेरे विषय में महिमामय बातें कही कही गई हैं।" " (पद 3)। उन्होंने उस दिन के बारे में गाया जब यहूदी लोगों के खिलाफ युद्ध के इतिहास वाले सभी राष्ट्र उस सच्चे परमेश्वर को स्वीकार करने के लिए एक साथ आएंगे: राहाब (मिस्र), बेबीलोन, पलिश्ती, सोर, कुश (पद 4)। सभी यरूशलेम और परमेश्वर की ओर खींचे जाएंगे।

भजन का समापन उत्सव (आनन्द) मनाने वाला है है। यरूशलेम में लोग गाएंगे, " हमारे सब सोते तुझी में हैं" (पद 7)। वे किसके लिए गा रहे हैं? वह जो जीवित जल है, सारे जीवन का स्रोत है (यहुन्ना 4:14)। केवल यीशु ही है जो स्थायी शांति और एकता लाएँगे।

वन का अँधेरा कमरा(Forest Darkroom)

सेना टोनी वैकेरो को एक फोटोग्राफर के रूप में मौका नहीं देगी, लेकिन ऐसी स्थिति ने उन्हें नहीं रोका l तोप के गोलों और छर्रों से जो मानो पेड़ों से बरस रहें हों से बचने के डरावने क्षणों के बीच, उसने वैसे भी तस्वीरें लीं l फिर, जब उसके मित्र सो गए, तो उसने अपने फिल्म विकसित करने के लिए रसायनों को मिलाने के लिए उनके हेलमेट का उपयोग किया l रात का जंगल अँधेरा कमरा(darkroom/कमरा जहां फोटो बनाए जाते हैं) बन गया जिसमें वैकेरो ने द्वितीय विश्व युद्ध के हर्टगेन वन(Hurtgen Forest) की लड़ाई का एक कालातीत/असामयिक रिकॉर्ड बनाया l 

राजा दाऊद अपने हिस्से की लड़ाइयों और अँधेरे समय से गुजरा l 2 शमूएल 22 कहता है, “यहोवा ने दाऊद को उसके सब शत्रुओं और शाऊल के हाथ से बचाया” (पद.1) l दाऊद ने उन अनुभवों का उपयोग परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का रिकॉर्ड तैयार करने के लिए किया l उसने कहा, “मृत्यु के तरंगों ने तो मेरे चारों ओर घेरा डाला, नास्तिकपन/विध्वंश की धाराओं ने मुझे को घबरा दिया”(पद.5) l दाऊद जल्द ही हताशा से आशा की ओर मुड़ गया : “अपने संकट में मैं ने यहोवा को पुकारा और अपने परमेश्वर के सम्मुख चिल्लाया”(पद.7) l दाऊद ने परमेश्वर की अचूक सहायता के लिए उसकी स्तुति करना सुनिश्चित किया l उसने कहा, “यहोवा, तू ही मेरा दीपक है, और यहोवा मेरे अंधियारे को दूर करके उजियाला कर देता है l तेरी सहायता से मैं दल पर धावा करता, अपने परमेश्वर की सहायता से मैं शहरपनाह फांद जाता हूँ” (पद.29-30) l 

दाऊद ने अपनी कठिनाइयों को संसार को अपने विश्वासयोग्य परमेश्वर के बारे में बताने के अवसर में बदल दिया l हम भी ऐसा ही कर सकते हैं l आखिरकार, हम उस पर भरोसा करते हैं जो अन्धकार को प्रकाश में बदल देता है l 

एक राष्ट्रीय कैम्पआउट

हमने तारों के नीचे डेरा डाला, हमारे और अनंत पश्चिम अफ़्रीकी आकाश के बीच कुछ भी नहीं था। शुष्क मौसम में तम्बू की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन आग महत्वपूर्ण थी। "आग को कभी बुझने मत देना," पिताजी ने लकड़ी के लट्ठों को छड़ी से कुरेदते हुए कहा। आग जंगली जानवरों को दूर रखती है।  परमेश्वर की रचनाएँ अद्भुत हैं, लेकिन आप कभी नहीं चाहेंगे कि कोई तेंदुआ या साँप आपके शिविर स्थल में घूमता रहे।

पिताजी घाना के ऊपरी क्षेत्र में एक मिशनरी थे, और उनमें हर चीज़ को एक शिक्षण क्षण में बदलने की क्षमता थी। कैम्पिंग कोई अपवाद नहीं था। 

परमेश्वर ने कैम्पआउट को अपने लोगों के लिए  शिक्षण  के रूप में भी उपयोग किया। साल में एक बार, पूरे एक सप्ताह के लिए, इस्राएलियों को " घने वृक्षों की डालियां, और खजूर के पत्ते - और नालों में के मजनू और अन्य पत्तेदार पेड़ों" से बने आश्रयों में रहना था (लैव्यव्यवस्था 23:40)। उद्देश्य दोहरा था।  परमेश्वर ने उनसे कहा, " सात दिन तक तुम झोंपड़ियों में रहा करना, अर्थात् जितने जन्म के इस्त्राएली हैं वे सब के सब झोंपड़ियों में रहें, इसलिये कि तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी के लोग जान रखें, कि जब यहोवा हम इस्त्राएलियों को  मिस्र देश से निकाल कर ला रहा था तब उस ने उनको झोंपड़ियों में टिकाया था; (पद 42-43)। लेकिन यह उत्सवपूर्ण भी होना था, "अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने सात दिन तक आनन्द करना " (पद 40)।

हो सकता है कि कैंपिंग करना आपके मनोरंजन का विचार न हो, लेकिन परमेश्वर ने अपनी अच्छाई को याद करने के एक आनंददायक तरीके के रूप में इस्राएलियों के लिए एक सप्ताह का कैंपआउट स्थापित किया। हम अपनी छुट्टियों के मूल अर्थ को आसानी से भूल जाते हैं। हमारे त्योहार हमारे प्यारे परमेश्वर के चरित्र की खुशी भरी याद दिला सकते हैं। उन्होंने मनोरंजन भी रचाया।