मारिया अपना फास्ट-फूड लंच खाली टेबल पर ले गई। जैसे ही उसने अपना बर्गर खाया, उसकी नज़र कई टेबल दूर बैठे एक युवक पर पड़ी। उसके कपड़े गंदे थे, उसके बाल लटके हुए थे और वह खाली कागज़ का कप पकड़े हुए था। जाहिर है, वह भूखा था। वह कैसे मदद कर सकती थी? नकद उपहार देना नासमझी थी। अगर वह खाना खरीद कर उसे दे, तो क्या वह शर्मिंदा हो सकता है?
तभी मारिया को रूत की कहानी याद आई, जिसमें बोअज़, एक धनी जमींदार, गरीब अप्रवासी विधवा को अपने खेतों से बीनने के लिए आमंत्रित करता है। उसने आदमियों को आदेश दिया “तब बोअज ने अपने जवानों को आज्ञा दी, कि उसको पूलों के बीच बीच में भी बीनने दो, और दोष मत लगाओ। वरन मुट्ठी भर जाने पर कुछ कुछ निकाल कर गिरा भी दिया करो, और उसके बीनने के लिये छोड़ दो, और उसे घुड़को मत।” (2:15-16)। एक ऐसी संस्कृति में जहां महिलाएं जीविका के लिए अपने संबंधित पुरुषों पर पूरी रीति से निर्भर थीं, बोअज़ ने परमेश्वर के प्रेममय प्रबन्ध को प्रदर्शित किया। आखिरकार, बोअज़ ने रूत से शादी कर ली, उसे उसकी गंभीर ज़रूरत से मुक्त किया (4:9-10)।
जैसे मारिया जाने के लिए खड़ी हुई, उसने युवक से निगाहे मिलाते हुए, पास की टेबल पर अपने फ्राई का अनछुआ पैकेट रख दिया। अगर वह भूखा था, तो वह उसके “फ़ास्ट-फ़ूड के खेत” में से कुछ बटोर सकता था। पवित्रशास्त्र की कहानियों में परमेश्वर का हृदय प्रकट होता है क्योंकि वे प्रोत्साहित करने के लिए रचनात्मक समाधानों का वर्णन करती हैं।
क्या आज आपके आस-पास कोई ऐसा व्यक्ति है जिसे आप अपने जीवन के बहुतायत में से “ बटोरना ” के लिए आमंत्रित कर सकते हैं? परमेश्वर से अपने आस-पास की ज़रूरतों को प्रकट करने के लिए कहें ताकि आप उसके दिल से प्रतिउत्तर दे सकें।
प्रिय पिता, मुझे दिखाइए कि आज मुझे किस तक आपका प्यार फैलाने की जरूरत है।