जो एक पाकिस्तानी घाटी में एक सामान्य केबल कार(cable car) यात्रा के रूप में शुरू हुयी वह एक भयानक कटु अनुभव में बदल गयी l यात्रा आरम्भ होने के कुछ ही समय बाद, दो सहायक केबल टूट गए, जिससे स्कूली बच्चों सहित आठ यात्री हवा में सैकड़ों फीट ऊपर लटक गए l स्थिति के कारण पाकिस्तानी सेना को बारह घंटे का कठिन बचाव अभियान चलाना पड़ा, जिन्होंने यात्रियों को बचाने के लिए ज़िपलाइन(ziplines), हेलीकॉप्टर और बहुत कुछ का इस्तेमाल किया l 

उन अच्छी तरह से प्रशिक्षित बचावकर्ताओं की सराहना की जानी चाहिए, लेकिन उनका काम यीशु के शाश्वत कार्य की तुलना में छोटा है, जिसका मिशान हमें पाप और मृत्यु से बचाना और रक्षा करना था l यीशु मसीह के जन्म से पहले, एक स्वर्गदूत ने युसूफ को निर्देश दिया कि वह मरियम के घर जाए क्योंकि उसकी गर्भावस्था “पवित्र आत्मा” से थी(मत्ती 1:18,20) l युसूफ को अपने बेटे का नाम यीशु रखने के लिए भी कहा गया था, क्योंकि वह “अपने लोगों को उनके पापों से उद्धार करेगा”(पद.21) l फिर भी, जबकि यह नाम पहली सदी में सामान्य था, केवल यही बच्चा उद्धारकर्ता बनने के योग्य था(लूका 2:30-32) l मसीह उन सभी के शाश्वत उद्धार को सील/सुनिश्चित करने और सुरक्षित करने के लिए सही समय पर आया जो पश्चाताप करते हैं और उस पर विश्वास करते हैं l 

हम सभी पाप और मृत्यु की केबल कार में फंस गए थे, जो परमेश्वर से अनंत अलगाव की घाटी पर लटका हुआ था l लेकिन अपने प्यार और अनुग्रह में, यीशु हमें बचाने और हमें सुरक्षित रूप से हमारे स्वर्गिक पिता के घर ले जाने के लिए आया l उसकी प्रशंसा करें!