जब वह छोटा था, मैंने और मेरे बेटे ज़ेवियर ने एक लड़के के बारे में बच्चों की एक काल्पनिक कहानी पढ़ी, जिसने एक कलम/pen का मनगढ़ंत नाम देकर अपने शिक्षक के खिलाफ विद्रोह कर दिया l छात्र ने अपने साथ पांचवीं कक्षा के छात्रों को पेन/कलम के लिए उसके द्वारा दिए गए नाम का उपयोग करने के लिए राज़ी कर लिया l लड़के के द्वारा शब्द के बदले जाने का समाचार पूरे कस्बे में फ़ैल गया l आखिरकार, देश भर में लोगों ने कलम के प्रति अपना दृष्टिकोण बदल दिया, केवल इसलिए क्योंकि दूसरों ने एक लड़के की मनगढ़ंत वास्तविकता को सार्वभौमिक सत्य के रूप में स्वीकार कर लिए l 

पूरे इतिहास में, त्रुटिपूर्ण मनुष्यों ने अपनी इच्छाओं के अनुरूप सत्य या व्यक्तिगत पसंदीदा वास्तविकताओं के बदलते संस्करणों को अपनाया है l हालाँकि, बाइबल एक सत्य एक सच्चे परमेश्वर और उद्धार का एक मार्ग—मसीहा/उद्धारकर्ता/छुटकारा देनेवाला/Messiah—की ओर संकेत करती है जिसके द्वारा “यहोवा का तेज प्रगट होगा”(यशायाह 40:5) l यशायाह नबी ने पुष्टि की कि लोग, सभी सृजित वस्तुओं की तरह, अस्थायी, पतनशील और अविश्वसनीय हैं(पद.6-7) l उसने कहा, “घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्वर का वचन सदैव अटल रहेगा”(पद.8) l 

आनेवाले अभिषिक्त/छुटकारा देनेवाले/Messiah के बारे में यशायाह की भविष्यवाणी एक भरोसेमंद आधार, एक सुरक्षित आश्रय और एक सुरक्षित आशा देता है l हम परमेश्वर के वचन पर भरोसा कर सकते हैं क्योंकि यीशु स्वयं वचन है(यूहन्ना 1:1) l यीशु सत्य है जो कभी नहीं बदलता l