मेरे पति और मैंने हमेशा हमारे चर्च में क्रिसमस की पूर्व संध्या की सेवा में भाग लेने का आनंद लिया है l हमारे विवाह के आरंभिक वर्षों में, हमारे पास सेवा के बाद गर्म कपड़े पहनने की एक विशेष परंपरा थी, जिसके बाद हम पास की पहाड़ी पर जाते थे, जहां एक तारे के आकार में ऊंचे खम्भों से 350 चमकती रोशनी/लाइट्स लटकती थी l वहाँ—अक्सर बर्फ में—हम शहर को देखते हुए यीशु के आश्चर्जनक जन्म पर अपने विचार फुसफुसाते थे l इस बीच, शहर के कई लोग नीचे घाटी से चमकीले, तारे को देखते थे l 

वह सितारा हमारे उद्धारकर्ता के जन्म की याद दिलाता है l बाइबल “पूर्व से” ज्योतिषियों के बारे में बताती है जो “यहूदियों का राजा जिसका जन्म हुआ है” की तलाश में यरूशलेम पहुंचे थे(मत्ती 2:1-2) l वे आकाश को देख रहे थे और उन्होंने तारे को “देखा” था(पद.2) l उनकी यात्रा उन्हें यरूशलेम से बैतलहम तक ले गयी, तारा “उनके आगे-आगे चला; और जहाँ बालक था, उस जगह के ऊपर पहुँचकर ठहर गया”(पद.9) l वहाँ, उन्होंने “मुँह के बल गिरकर बालक को प्रणाम किया’(पद.11) l 

मसीह हमारे जीवन में प्रकाश का श्रोत है, लाक्षणिक रूप से (हमें मार्गदर्शन देने वाले के रूप में) और शाब्दिक रूप से भी जिसने आकाश में सूर्य, चंद्रमा और तारों को बनाया(कुलुस्सियों 1:15-16) l ज्योतिषियों की तरह, जब उन्होंने उसके तारे को देखा तो “अति आनंदित हुए” (मत्ती 2:10), हमारी सबसे बड़ी ख़ुशी उसे उद्धारकर्ता के रूप में जानने में है जो हमारे बीच रहने के लिए स्वर्ग से आया था l “हमने उसकी महिमा देखी [है]”(यूहन्ना 1;14)!