साल 2022 मेरी पत्नी और मेरे लिए बहुत विशेष था l यही वह वर्ष है जब हमारी पोती, सोफिया एशले(Sophia Ashley) का जन्म हुआ—हमारे आठ पोते-पोतियों में एक एकलौती पोती l सोफिया के दादा-दादी ने मुस्कुराना बन्द नहीं किया है! जब हमारा बेटा वीडियो कॉल करता है, तो उत्साह और भी बढ़ जाता है l मैं और मेरी पत्नी भले ही अलग-अलग कमरों में हों, लेकिन उसकी ख़ुशी भरी चीख से पता चलता है कि उसे सोफिया की झलक मिल रही है l जिन्हें हम प्यार करते हैं उन्हें दूर से देखना अब केवल एक कॉल या क्लिक की दूरी पर है l
जिस व्यक्ति से हम फोन पर बात कर रहे हैं उसे देखने की क्षमता अपेक्षाकृत नयी है, लेकिन परमेश्वर के साथ समय का सामना करना—उसकी उपस्थिति में होने की सचेत जागरूकता के साथ प्रार्थना करना—नहीं है l भजन संहिता 27 में दाऊद की प्रार्थना—विरोध के बीच में आवाज़ उठाई गयी जिसके लिए निकटतम मानव सहयोगियों की क्षमता से परे सहायता की आवश्यकता थी(पद.10-12)—में निम्न शब्द शामिल हैं : तू ने कहा है, “मेरे दर्शन के खोजी हो l” इसलिए मेरा मन तुझ से कहता है, “हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूँगा”(पद.8) l
कठिन समय हमें “उसके दर्शन के खोजी” बनने के लिए विवश करता है(पद.8) l लेकिन यह एकमात्र समय नहीं है जब हम उस व्यक्ति के साथ आमने-सामने संगति कर सकते हैं या होना चाहिए जिसके “निकट आनंद की भरपूरी है, [उसके] दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है”(16:11) l यदि आप ध्यान से सुनें, तो किसी भी समय आप उसे यह कहते हुए सुन सकते हैं, “आओ और मेरे साथ बातें करो l”
दिन में किस समय आप अपने हृदय को ईश्वर के प्रति सबसे अधिक समर्पित पाते हैं? उसके साथ नियमित बातचीत आपको “संकट के दिन” के लिए किसे तैयार कर सकता है?
स्वर्गिक पिता, आपके साथ आपने-सामने रहने का सौभाग्य प्राप्त करने के लिए मैं आपकी स्तुति करता हूँ l कृपया मेरी मदद करें कि मैं आपके साथ प्रार्थना में समय बिताने के लिए हमेशा तैयार रहूँ l