जिम एक साल से अधिक समय से मोटर न्यूरॉन(motor neuron/प्रेरक तंत्रिकोशिका) बीमारी से जूझ रहा है l उसकी मांसपेशियों में न्यूरॉन्स(neurons) टूट रहे हैं, और उसकी मांसपेशियां बेकार हो रही हैं l उसने अपना बढ़िया मोटर कौशल(motor skills-काम करने की क्षमता) खो दिया है और अपने अंगों को नियंत्रित करने की क्षमता खो रहा है l वह अब अपनी शर्ट के बटन नहीं लगा सकता या जूते के फीते नहीं बाँध सकता, और चॉपस्टिक्स(chopsticks) का उपयोग करना असंभव हो गया है l जिम अपनी स्थिति से जुझता है और पूछता है, परमेश्वर ऐसा क्यों होने दे रहा है? मैं ही क्यों? 

वह यीशु में कई अन्य विश्वासियों के साथ अच्छी संगति में है, जिन्होंने अपने प्रश्न परमेश्वर के पास लाए हैं l भजन 13 में, दाऊद चिल्लाकर कहता है, “हे परमेश्वर, कब तक ! क्या तू सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझसे छिपाए रहेगा? मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियाँ करता रहूँ, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूँ?(पद.1-2) l 

हम भी अपनी उलझन और सवाल परमेश्वर के पास ले जा सकते हैं l जब हम चिल्लाते हैं “कब तक?” और क्यों?” तो वह समझता है l हमें उसका अंतिम उत्तर यीशु में और पाप तथा मृत्यु पर उसकी विजय में दिया गया है l 

जैसे ही हम क्रूस और खाली कब्र को देखते हैं, हमें परमेश्वर की “करुणा(unfailing love)” पर भरोसा करने और उसके उद्धार में ख़ुशी मनाने का विश्वास मिलता है l यहाँ तक कि सबसे अँधेरी रातों में भी, हम “परमेश्वर के नाम का भजन [गा सकते हैं], क्योंकि उसने [हमारे लिए] भलाई की है”(पद.6) l मसीह में हमारे विश्वास के द्वारा, उसने हमारे पापों को माफ़ कर दिया है, हमें अपने बच्चों के रूप में अपनाया है, और हमारे जीवन में अपने शाश्वत अच्छे उद्देश्य को पूरा कर रहा है l