अमेरिकी कॉमेडियन और लेखक जॉन ब्रैनियन ने कहा, “हमने हँसी के बारे में नहीं सोचा था; यह हमारा विचार नहीं था। यह हमें परमेश्वर ने दी, जो जानता था कि हमें जीवन से गुजरने के लिए इसकी आवश्यकता होगी । क्योंकि वह जानता था कि हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, वह जानता था कि हमें संघर्ष करना होगा, वह जानता था कि बहुत कुछ होगा । . . . हँसना एक उपहार है।”
परमेश्वर के बनाये जीवों पर जल्दी से एक नज़र डालने से हंसी आ सकती है; चाहे उनकी विचित्रताओं के कारण— (जैसे बत्तख के मुँह की तरह प्लैटिपस/platypus) या अद्भुत (जैसे चंचल ऊदबिलाव) । परमेश्वर ने समुद्र में रहने वाले स्तनधारियों और लंबी टांगों वाले पक्षियों को बनाया जो उड़ नहीं सकते। परमेश्वर स्पष्ट रूप से हास्य की भावना रखते हैं; और क्योंकि हम उसके स्वरूप में सृजे गए हैं, हमें भी हमें हँसी का आनंद मिला है ।
हम सबसे पहले बाइबल में अब्राहम और सारा की कहानी में हँसी शब्द देखते हैं। परमेश्वर ने इस वृद्ध दंपत्ति को एक बच्चे का वादा किया : “तेरा जो निज पुत्र होगा, वही तेरा वारिस होगा ” (उत्पत्ति 15:4) । और परमेश्वर ने कहा था, “आकाश की ओर दृष्टि करके तारागण को गिन . . . तेरा वंश ऐसा ही होगा” (पद.5) l जब सारा ने आखिरकार नब्बे वर्ष की उम्र में जन्म दिया, तो इब्राहीम ने अपने बेटे का नाम इसहाक रखा, जिसका अर्थ है “हँसी l” जैसा कि सारा ने कहा, “परमेश्वर ने मुझे हँसाया है, और जो कोई इस बात को सुनेगा वह मेरे साथ हँसेगा” (21:6) l उसे आश्चर्य हुआ कि वह अपनी उम्र में एक बच्चे का पालन-पोषण कर सकती है! जब उसने सुना कि वह बच्चे को जन्म देगी (18:12) तो परमेश्वर ने उसकी शक्की हँसी को पूर्ण आनन्द की हँसी में बदल दिया ।
हँसी के उपहार के लिए परमेश्वर का धन्यवाद हो!
हँसना “अच्छी दवा” कब रही है? आपके जीवन में हास्य की तलाश कैसे सबसे कठिन समय में भी मदद कर सकती है?
प्रिय परमेश्वर, मुझे हँसी का उपहार देने के लिए धन्यवाद ।