एक असफल सर्जरी के बाद, जोन के डॉक्टर ने कहा कि पांच हफ़्तों के अन्दर उसकी एक और सर्जरी होगी l समय के साथ, घबराहट बढ़ती गयी l जोन और उसका पति वरिष्ठ नागरिक थे, और उनके परिजन उनसे दूर रहते थे l उनको एक अपरिचित शहर तक ड्राइव करना था और अस्पताल की एक जटिल प्रणाली से जूझना था, और एक नए विशेषज्ञ के साथ काम करना था l
हालाँकि ये परिस्थितियाँ बहुत ज़्यादा गंभीर लग रही थीं, परमेश्वर ने उनका ख्याल रखा। इस यात्रा में, उनकी कार का नेविगेशन सिस्टम खराब हो गया, लेकिन वे समय पर पहुँच गए क्योंकि उनके पास एक कागज़ का नक्शा था। l परमेश्वर ने उन्हें बुद्धि दी। अस्पताल में, एक मसीही पादरी ने उनके साथ प्रार्थना की और उस दिन बाद में मदद करने की पेशकश की। परमेश्वर ने सहायता प्रदान की। ऑपरेशन के बाद, जोन को सफल सर्जरी की अच्छी खबर मिली।
हालाँकि हमें हमेशा उपचार या बचाव का अनुभव नहीं होगा, लेकिन परमेश्वर हमेशा कमज़ोर लोगों के प्रति वफादार और करीब रहता है – चाहे वे युवा हों, बूढ़े हों या अन्यथा वंचित हों। सदियों पहले, जब बेबीलोन में कैद ने इस्राएलियों को कमज़ोर कर दिया था, यशायाह ने उन्हें याद दिलाया कि परमेश्वर ने उन्हें जन्म से ही संभाला है और उनकी देखभाल करना जारी रखेगा। भविष्यवक्ता के माध्यम से, परमेश्वर ने कहा, “तुम्हारे बुढ़ापे में भी मैं वैसा ही बना रहूंगा और तुम्हारे बाल पकने के समय तक तुम्हें उठाए रहूंगा। ” (यशायाह 46:4)। परमेश्वर हमें तब नहीं छोड़ेगा जब हमें उसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत होगी। वह हमारी ज़रूरतों को पूरा कर सकता है और हमें याद दिला सकता है कि वह हमारे जीवन के हर मोड़ पर हमारे साथ है। वह हमारे सभी दिनों का परमेश्वर है।
—जेनिफर बेन्सन शुल्त्ज़
कमज़ोरी के समय में परमेश्वर ने आपको कैसे सहारा दिया है? वह दूसरों को सहारा देने के लिए आपके ज़रिए कैसे काम करना चाहता है?
प्रिय परमेश्वर, आप भरोसेमंद और दयालु हैं। अनिश्चितता का अनुभव करते समय मुझे आप पर भरोसा करने में मदद करें।