रोबर्ट टॉड लिंकन अपने पिता, प्रिय अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन पूरी तरह से अपने पिता की छत्रछाया में रहते थे। उनके पिता की मृत्यु के बाद भी काफी समय तक थे, रोबर्ट की पहचान उनके पिता की जबर्दस्त उपस्थिति से प्रभावित रही। लिंकन के करीबी दोस्त निकोलस मरे बटलर ने लिखा कि रॉबर्ट अक्सर कहा करते थे, “कोई भी मुझे युद्ध सचिव के रूप में नहीं चाहता था; वे अब्राहम लिंकन के बेटे को चाहते थे। कोई भी मुझे इंग्लैंड का मंत्री नहीं बनाना चाहता था; वे अब्राहम लिंकन के बेटे को चाहते थे। कोई भी मुझे पुलमैन कंपनी का अध्यक्ष नहीं बनाना चाहता था; वे अब्राहम लिंकन के बेटे को चाहते थे।”
ऐसी हताशा सिर्फ़ मशहूर लोगों के बच्चों तक सीमित नहीं है। हम सभी इस भावना से परिचित हैं कि हम जो हैं उसके लिए हमें महत्व नहीं दिया जाता। फिर भी हमारे मूल्य की गहराई कहीं और नहीं बल्कि इस बात से स्पष्ट होती है कि परमेश्वर हमसे किस तरह प्यार करता है।
प्रेरित पौलुस ने हमें पहचाना कि हम अपने पापों में कौन थे, और हम मसीह में कौन बनते हैं l उसने लिखा, “जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिए मरा” (रोमियों 5:6) l हम जो हैं उसके कारण परमेश्वर हमसे प्रेम करता है—हमारे सबसे बुरे हाल में भी! पौलुस ने लिखा, “परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिए मरा” (पद.8) l परमेश्वर हमें इतना महत्व देता है कि उसने अपने पुत्र को हमारे लिए क्रूस पर जाने की अनुमति दी l
हम कौन हैं? हम परमेश्वर के प्यारे बच्चे हैं l कौन इससे अधिक मांग सकता है?
—बिल क्राऊडर
आपने कब किसी दूसरे व्यक्ति के शरण में खोया हुआ महसूस किया है? आप इसे व्यक्तिगत रूप से अपने लिए परमेश्वर की चिंता के बारे में सिखाने की अनुमति कैसे देंगे?
हे पिता, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि आप मुझसे प्यार करते हैं कि मैं कौन हूँ और मैं क्या हूँ, और यह कि आपकी क्षमा और प्रेम मेरा है l