जब मैरी स्लेसर 1800 के दशक के अंत में अफ्रीकी देश कैलाबार (अब नाइजीरिया) के लिए रवाना हुईं, तो वे दिवंगत डेविड लिविंगस्टोन के मिशनरी कार्य को जारी रखने के लिए उत्साहित थीं। साथी मिशनरियों के बीच रहते हुए स्कूल में पढ़ाने का उनका पहला काम उन्हें सेवा करने के लिए एक अलग तरीके से प्रेरित कर रहा था। इसलिए उन्होंने उस क्षेत्र में कुछ ऐसा किया जो दुर्लभ था – वे उन लोगों के साथ रहने लगीं जिनकी वे सेवा कर रही थीं। मैरी ने उनकी भाषा सीखी, उनके तरीके से जीवन जिया और उनका खाना खाया। उन्होंने दर्जनों ऐसे बच्चों को भी अपने साथ रखा जिन्हें छोड़ दिया गया था। लगभग चालीस वर्षों तक, वे उन लोगों तक आशा और सुसमाचार लेकर आईं जिन्हें दोनों की ज़रूरत थी।
प्रेरित पौलुस को पता था कि हमारे आस-पास के लोगों की ज़रूरतों को पूरा करना कितना ज़रूरी है। उसने 1 कुरिन्थियों 12:4-5 में इसका ज़िक्र किया है — “वरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है,” और “सेवा भी कई प्रकार की हैं परन्तु प्रभु एक ही है l” इसलिए उसने लोगों की आवश्यकता के क्षेत्र में उनकी सेवा की l उदाहरण के लिए, “निर्बलों के लिए [वह] निर्बल सा बना” (9:22) l
एक चर्च जिसके बारे में मैं जानता हूँ, ने हाल ही में एक “सभी क्षमताओं” वाली सेवकाई पद्धति की शुरुआत की घोषणा की है, जिसमें बाधा-मुक्त सुविधा शामिल है – विकलांग लोगों के लिए आराधना उपलब्ध कराना। यह पौलुस जैसी सोच है जो दिल जीतती है और समुदाय में सुसमाचार को पनपने देती है। जब हम अपने आस-पास के लोगों के सामने अपने विश्वास को जीते हैं, तो परमेश्वर हमें उन्हें नए और ताज़ा तरीकों से यीशु से परिचित कराने के लिए प्रेरित करे।
—डेव ब्रेनन
परमेश्वर ने दूसरों तक पहुंचे का कौन का अनोखा तरीका आपके हृदय में डाला है? आप उसे कैसे पूरा करेंगे?
प्रिय स्वर्गिग पिता, कृपया आप मुझे दूसरों की सहायता करने हेतु सही मार्ग खोजने के लिए बुद्धि दें l