अपनी पुस्तक मार्जिन (Margin) में, डॉ. रिचर्ड स्वेन्सन लिखते हैं, “हमारे पास सांस लेने के लिए थोड़ी जगह होनी चाहिए l हमें सोचने के लिए स्वतंत्रता और चंगा करने के लिए अनुमति चाहिए l हमारे रिश्ते गति से नष्ट हो रहे, हमारे बच्चे धरती पर घायल हैं, हमारे उच्च गति वाले नेक इरादों से कुचले जा रहे हैं l क्या ईश्वर अब थकान का समर्थक है? क्या वह अब लोगों को शांत पानी के किनारे नहीं ले जाता? अतीत की उन खुली जगहों को किसने लूटा, और हम उन्हें वापस कैसे पा सकते हैं?” स्वेनसन कहते हैं कि हमें जीवन में कुछ शांत, उपजाऊ “भूमि” की आवश्यकता है जहाँ हम ईश्वर में आराम कर सकें और उनसे मिल सकें।
क्या यह प्रतिध्वनित गूंजता प्रतिध्वनित है? खुली जगहों की तलाश करना मूसा अच्छी तरह से जानता था l “हठीले” लोगों की अगुवाई करते हुए (निर्गमन 33:5), वह अक्सर परमेश्वर की उपस्थिति में विश्राम और मार्गदर्शन के लिए अलग जाता था l अपने “मिलापवाले तम्बू” (पद.7) में “यहोवा मूसा से इस प्रकार आमने-सामने बातें करता था, जिस प्रकार कोई अपने भाई से” (पद.11) l यीशु भी “जंगलों में अलग जाकर प्रार्थना किया करता था” (लूका 5:16) l दोनों ने पिता के साथ अकेले समय बिताने के महत्व को समझा l
हमें भी अपने जीवन में गुंजाइश बनाना चाहिए, कुछ विस्तृत और खुली जगहें, जो आराम और ईश्वर की मौजूदगी में बिताई जाएँ। उनके साथ समय बिताने से हमें बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी – हमारे जीवन में स्वस्थ दूरी और सीमाएँ बनाना ताकि हमारे पास उनसे और दूसरों से प्यार करने के लिए बैंडविड्थ (चौड़ाई) उपलब्ध हो। आइए आज खुली जगहों में ईश्वर की तलाश करें।
आइए आज हम खुले स्थानों में ईश्वर की खोज करें l
—टॉम फेल्टन
आपको आपके जीवन में खुले स्थान की ज़रूरत क्यों है? आप परमेश्वर के साथ समय बिताने के लिए अपने दिनचर्या में कुछ स्थान कैसे बनाएँगे?
यीशु, प्रतिदिन आपके साथ कुछ शांत क्षणों की तलाश करने में मेरी मदद करें l