समय इससे बुरा नहीं हो सकता था। पुल, स्मारक और बड़ी इमारतों की इंजीनियरिंग करके थोड़ा-बहुत पैसा कमाने के बाद, सीज़र के मन में एक नया काम शुरू करने की इच्छा थी। इसलिए उसने अपना पहला व्यवसाय बेच दिया और पैसे बैंक में जमा कर दिए, और जल्द ही उसे फिर से निवेश करने की योजना बनाई। उस छोटी सी अवधि के दौरान, उसकी सरकार ने निजी बैंक खातों में रखी सभी संपत्तियों को जब्त कर लिया। एक पल में, सीज़र की जीवन भर की बचत खत्म हो गई। अन्याय को शिकायत का कारण न मानते हुए, सीज़र ने परमेश्वर से आगे का रास्ता दिखाने के लिए कहा। और फिर—उसने बस फिर से शुरुआत की 
एक भयानक पल में, अय्यूब ने अपनी संपत्ति से कहीं अधिक खो दिया l उसने अपने अधिकाँश सेवकों और अपने सभी बच्चों को खो दिया (अय्यूब 1:13-22) l फिर उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया (2:7-8) l अय्यूब की प्रतिक्रिया अय्यूब की प्रतिक्रिया हमारे लिए एक चिरस्थायी उदाहरण बनी हुई है। l उसने प्रार्थना की, “मैं अपनी माँ के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊँगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है” (1:21) l अध्याय समाप्त होता है, “इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मुर्खता से दोष लगाया” (पद.22) l   
अय्यूब की तरह, सीज़र ने परमेश्वर पर भरोसा करके कुछ ही वर्षों में अधिक सफल व्यवसाय खड़ा कर लिया l उसकी कहानी अय्यूब के परिणाम के समान है (देखें अय्यूब 42) l लेकिन भले ही सीज़र कभी भी आर्थिक रूप से ठीक नहीं हुआ, वह जानता था कि उसका असली खज़ाना वैसे भी इस पृथ्वी पर नहीं था (मत्ती 6:19-20) l वह अभी भी ईश्वर पर भरोसा करता रहेगा l  
—टिम गुस्ताफ़सन