अंगूठी(Signet ring)
एक नए विदेशी मित्र से मिलने पर मैंने उसकी शानदार अंग्रेजी उच्चारण और उसकी छोटी ऊँगली में अंगूठी देखी l बाद में पता चला कि वह मात्र आभूषण नहीं था; उस पर अंकित परिवार की शिखा पारिवारिक इतिहास बता रही थी l
वह मुद्रिका समान थी-शायद जिस तरह हाग्गै में वर्णित है l इस संछिप्त पुराने नियम की पुस्तक में, नबी हाग्गै परमेश्वर के लोगों से मंदिर के पुनःनिर्माण का आह्वान करता है l वे निर्वासन से अपने देश लौटकर मंदिर का पुनःनिर्माण आरंभ कर चुके थे, किन्तु शत्रु विरोध ने उनकी योजना स्थगित कर दिया था l हाग्गै के सन्देश में यहूदा के अगुआ, ज़रुब्बाबेल को दी गई प्रतिज्ञा भी है, कि एक अंगूठी की तरह वह उसका चुना हुआ और अलग किया हुआ अगुआ है l
प्राचीन काल में, अंगूठी पहचान हेतु उपयोग होती थी l हस्ताक्षर करने की बजाए, लोग अपनी अंगूठी से गरम मोम या मुलायम मिट्टी में निशान लगाते थे l परमेश्वर की संतान होकर, हम भी सुसमाचार फैलाकर, उसके अनुग्रह से पड़ोसी से प्रेम करके, और शोषण को ख़त्म करने में प्रयास करके, संसार पर निशान छोड़ते हैं l
हममें से प्रत्येक का अपना अद्वितीय निशान है जो हममें परमेश्वर स्वरुप प्रकट करता है और ख़ास वरदान, अनुराग, और बुद्धिमत्ता का मिश्रण दर्शाता है l
हमें परमेश्वर के संसार में अंगूठी की तरह बनने की बुलाहट और अवसर मिला है l
सुननेवाले और करनेवाले
मेरे पासवान, पति का फ़ोन बजा l हमारे चर्च की एक प्रार्थना योद्धा, अकेले रहने वाली 70 वर्ष की एक महिला को हॉस्पिटल ले जाया गया l वह अत्यधिक बीमार होने के कारण खाना पीना छोड़ दी थी और देखने और चलने में भी असमर्थ थी l इस बात से अज्ञात कि उसके साथ क्या होगा हमने उसके लिए परमेश्वर से सहायता और दया मांगी l हम उसके हालचाल के विषय चिंतित थे l चर्च क्रियाशीलता से 24 घंटे उसके सेवा में लग गई और उसके साथ अन्य मरीजों, आगंतुकों और चिकत्सीय कर्मचारियों के साथ मसीही प्रेम दिखाया l
यहूदी मसीहियों को लिखते हुए याकूब ने कलीसिया को ज़रुरतमंदों की सेवा करने हेतु उत्साहित किया l याकूब चाहता था कि विश्वासी परमेश्वर के वचन को सुनने से अधिक अपने विश्वास को कार्य में बदलें (1:22-25) l अनाथों और विधवाओं की ज़रूरतें दर्शाते हुए (पद.27), उसने एक कमज़ोर समूह को नामित किया, क्योंकि प्राचीन संसार में उनकी सेवा परिवार की जिम्मेदारी थी l
हमारी कलीसिया और समाज में जोखिम में पड़े लोगों के प्रति हमारा प्रतिउत्तर क्या है? क्या हम विधवाओं और अनाथों की सेवा को अपने विश्वास के अभ्यास का महत्वपूर्ण भाग मानते हैं? परमेश्वर हर जगह लोगों की सेवा के प्रति हमारी आँखें खोले l
सर्वदा सर्वोत्तम सौदा
कितना पर्याप्त है? हम उस दिन यह प्रश्न पूछ सकते हैं जब अनेक विकसित देश खरीददारी में बिताते हैं l अमरीकी धन्यवाद अवकाश दिन के बाद, काला शुक्रवार, में अनेक दूकान सबेरे खुल जाते हैं और सस्ते में सौदा करते हैं; यह दिन दूसरे देशों में फ़ैल गया है l कुछ ग्राहक सिमित श्रोत के कारण सस्ते में खरीदना चाहते हैं l किन्तु दुर्भाग्यवश, दूसरों के लिए यह लालच ही प्रेरणा है और मोल-तोल हिंसक हो जाती है l
“उपदेशक” (सभो. 1:1) के रूप में पुराने नियम की बुद्धिमत्ता का लेखक उपभोगतावाद की सनक जिसका सामना हम दूकानों में–और अपने हृदयों में करते हैं, का उपचार बताता है l उसके अनुसार, धन प्रेमियों के पास कभी भी प्रयाप्त नहीं होगा और धन उन पर शासन करेगा l और फिर भी, वे धन विहीन मरेंगे : “जैसा वह माँ के पेट से निकला वैसा ही लौट जाएगा” (5:15) l प्रेरित पौलुस तीमुथियुस की पत्री में उपदेशक की बात दोहराता है, रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, और कि हमें “संतोष सहित भक्ति” (1 तीमु. 6:6-10) का पीछा करना चाहिए है l
बहुतायत अथवा अभाव में, हम अपने परमेश्वर द्वारा आकार दिए हुए अपने हृदयों को अस्वास्थ्यकर वस्तुओं से भरने के तरीके खोज सकते हैं l किन्तु शांति और स्वास्थ्य हेतु प्रभु को देखने पर, वह इसे भलाई और प्रेम से भर देगा l
बलिदानी विश्वास
रविवार की सुबह है, मैं चर्च की फुलवारी में जहाँ मेरे पति पासवान हैं बैठी हूँ l मुझे फ़ारसी भाषा में प्रशंसा और आराधना संगीत सुनाई दे रहा है l लन्दन के मेरे चर्च में एक जोशपूर्ण ईरानी मंडली इकट्ठी होती है, और हम मसीह के लिए उनके उत्साह से दीन महसूस करते हैं जब वे सताव की कहानियाँ बताते हैं, जैसे अपने वरिष्ठ पासवान के भाई की विश्वास की खातिर शहादत l ये विश्वासी प्रथम शहीद, स्तिफनुस के क़दमों पर चल रहे हैं l
आरंभिक कलीसिया में नियुक्त अगुओं में से एक, स्तिफनुस, ने “बड़े-बड़े अद्भुत काम और चिन्ह” दिखाकर यरूशलेम में ध्यान अर्जित की (प्रेरितों 6:8) और वह यहूदी अधिकारियों के समक्ष लाया गया कि अपने कार्यों का बचाव कर सके l आरोपियों की निर्दयता दर्शाने से पूर्व उसने विश्वास का जोशपूर्ण बचाव किया l किन्तु पश्चाताप करने की बजाए, वे “उसपर दांत पीसने लेगे” (7:54) l उनहोंने उसे नगर से बाहर ले जाकर उसको पत्थरवाह किया-यद्यपि वह उनकी क्षमा हेतु प्रार्थना कर रहा था l
स्तिफनुस और वर्तमान शहीदों की कहानियाँ हमें याद दिलाती हैं कि लोग मसीह के सन्देश के प्रति क्रूर हैं l अपने विश्वास की खातिर सताए नहीं जाने पर भी हम विश्व की सतायी जानेवाली कलीसियाओं के लिए प्रार्थना करें l और हम कभी भी सताए जाने पर , उससे अनुग्रह पाकर जिसने हमारे लिए अत्यधिक सहा विश्वासयोग्य रहें l
व्यवहारिक प्रेम
“क्या आपके पास कुछ है जो मैं धो सकती हूँ?” मैंने अपने घर में एक मेहमान से पूछा l उनका चेहरा खिल उठा, और उसने अपनी पुत्री से कहा, “अपने गंदे कपड़े ले आओ-एमी हमारे कपड़े धो देगी!” मैं मुस्कराई, यह जानते हुए कि मेरा पेशकश थोड़े वस्तुओं से बढ़कर कहीं अधिक हो गया है l
बाद में रस्सी पर कपड़े फैलाते समय, प्रातः बाइबिल पठन से एक वाक्यांश मेरे मस्तिस्क में आया : “दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो” (फिलि. 2:3) l मैं पौलुस की लिखी फिलिप्पियों की पत्री पढ़ रही थी, जिसमें उसने परस्पर सेवा और एकता में मसीह की बुलाहट के योग्य जीवन जीने का आह्वान किया l वे अत्याचार सह रहे थे, किन्तु पौलुस उनसे एक मन रहने को कहा l उसे मालूम था कि उनकी एकता मसीह के साथ रहने और परस्पर सेवा में प्रगट है, जिससे वह अपने विश्वास में ताकतवर रहेंगे l
हम स्वार्थी इच्छा या व्यर्थ अहंकार के बगैर दूसरों से प्रेम करने का दावा कर सकते हैं, किन्तु व्यवहारिक प्रेम के बिना हमारे हृदय की वास्तविक दशा प्रगट नहीं होगी l यद्यपि मैंने कुड़कुड़ाना चाहा, मसीह का शिष्य होकर, मुझे अपने बुलाहट अनुसार अपना प्रेम मित्रों के सामने दर्शाना था-साफ़ हृदय से l
परमेश्वर की महिमा के लिए हम अपने परिवार, मित्रों, और पड़ोसियों की सेवा का अवसर खोजें l
परमेश्वर की सुनना
मैंने जलमग्न महसूस किया, आवाज़ जुखाम और एलर्जी से रूकती और दबती हुई l मैं कई सप्ताह तक स्पष्ट नहीं सुन सकी, जिससे मेरी सुनने की सच्चाई खुल गई l
मंदिर में युवा शमूएल अपना नाम सुनकर, चौंककर नींद से जागना चाह रहा था (1 शमूएल 3:4) l वह महायाजक, एली के पास तीन बार गया l केवल तीसरी बार…
मसीह में एक
हम बाइबिल में नामों की सूची देखकर उन्हें छोड़कर आगे बढ़ जाना चाहते हैं l किन्तु हमें वहां खजाना मिलेगा, जैसे बारहों प्रेरितों की सूची में जिन्हें यीशु ने अपने नाम में सेवा हेतु चुना l अनेक परिचित हैं-शमौन जिसे यीशु ने पतरस, अर्थात् चट्टान कहा l मछुआरे भाई याकूब और यूहन्ना l यहूदा इस्किरियोती, धोखा देनेवाला l और महसूल…
सच्चा धन
मेरी सहेली के पिता के यादगार समारोह में, किसी ने उससे कहा, “तुम्हारे पिता को जानने तक मुझे नहीं मालूम था कि दूसरों की सहायता करने में आनंद है l” उसके पिता ने दूसरों की सहायता करके, प्रसन्न रहकर और प्रेम करके, और अजनबियों को मित्र बनाकर परमेश्वर के राज्य निर्माण में अपनी भूमिका निभाकर, अपनी मृत्यु बाद प्रेम की…
विवाह हेतु तैयार
“मैं भूखी हूँ,” मेरी आठ वर्षीय बेटी बोली l “मुझे माफ़ करो,” मैं बोली, “मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ नहीं l आओ टिक-टैक-टो(एक खेल) खेलें l” हम एक घंटे से अधिक चर्च में एक दुल्हन का इंतज़ार कर रहे थे जिसकी दोपहर में शादी थी l विचार करते हुए कब तक इंतज़ार करना होगा, मैंने अपनी बेटी को शादी आरंभ…