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Articles by सिंडी हेस कैस्पर

जब सुबह होती है

जब हम म्युनिक के बाहर ग्रामीण विश्रामगृह में रात बिताने पहुंचे तो काफी रात हो चुकी थी l हम अपना बाल्कनी वाला आरामदायक कमरा पाकर खुश थे, यद्यपि एक कष्टकर कुहरे से अँधेरे में देखना असंभव था l किन्तु कुछ घंटे बाद सूर्योदय होने पर, धुंध फटने लगा l तब जो रात के समय बहुत छुपा हुआ था अब हम देख सकते थे-एक सम्पूर्ण रमणीय दृश्य-शांत और हरा-भरा चारागाह, घास चरती भेड़ें जिनके गलों में बजती छोटी घंटियाँ, और आकाश में सफ़ेद बादल जो और बड़ी, रोयेंदार भेड़ों की तरह दिखाई देती थीं!

कभी-कभी जीवन निराशा के भारी कुहरे से ढक जाता है l हमारी स्थिति अत्यधिक अंधकारमय दिखाई देने के कारण आशा जाती रहती है l किन्तु जैसे सूरज से कुहरा फट जाता है, परमेश्वर में हमारा विश्वास सन्देह का शंका हटा देता है l इब्रानियों 11 में विश्वास की परिभाषा “आशा की हुयी वस्तुओं का निश्चय, और अनदेखी वस्तुओं का प्रमाण है” (पद.1) l परिच्छेद आगे हमें नूह का विश्वास याद दिलाता है, जो “दिखाई न देनेवाली बातों के विषय चेतावनी पाया,” फिर भी परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहा (पद.7) l और अब्राहम जो परमेश्वर के मार्गदर्शन में चला-यद्यपि वह अपना गंतव्य नहीं जानता था (पद.8) l

यद्यपि हमनें उसे नहीं देखा है और हर समय उसकी उपस्थिति का आभास नहीं करते हैं, परमेश्वर हमेशा उपस्थित रहता है और हमारे अंधकारमय रातों में भी लिए चलेगा l  

गलतियाँ हुईं

“गलतियाँ हुईं,” मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अपनी कंपनी के गैरकानूनी कार्य में लिप्त होने पर चर्चा करते हुए कही l वह खिन्न था, फिर भी दोष को दूर ही रखा और अपनी गलती को उजागर नहीं किया l

कुछ “गलतियाँ” केवल गलतियाँ हैं : सड़क के गलत दिशा में गाड़ी चलाना, टाइमर सेट नहीं करना और भोजन जला देना, अपने चेकबुक देय राशि में गलत हिसाब लगाना l किन्तु वे सुविचारित कार्य जो सीमा से परे हैं-परमेश्वर उनको पाप  कहता है l परमेश्वर को आदम और हव्वा से उनकी आज्ञाकारिता के विषय प्रश्न करने पर, उन्होंने दूसरे को दोषी ठहराया (उत्प. 3:8-13) l हारून ने लोगों द्वारा निर्जन स्थान में सोने का बछड़ा बनाकर उसकी उपासना करने की जिम्मेदारी नहीं ली l वह मूसा से बोला, “जब [लोगों ने] मुझ को [सोना] दिया, मैं ने उन्हें आग में डाल दिया, तब यह बछड़ा निकल पड़ा” (निर्ग. 32:24) l

वह भी बुदबुदाया होगा, “गलतियाँ हुईं l”

कभी-कभी अपनी गलती मानने से सरल दूसरों पर दोष लगाना होता है l उसी के समान पाप को “केवल गलतियाँ” संबोधित करके उसका सही स्वभाव न स्वीकारना खतरनाक है l

किन्तु जिम्मेदारी लेने पर-पाप मानकर उसका अंगीकार करने पर-वह हमारे पापों को क्षमा करने और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है” (1 यूहन्ना 1:9) l हमारा परमेश्वर अपने बच्चों को क्षमा और आरोग्यता देता है l

प्रेम में बंद

जून 2015 में, पेरिस ने पोंट डेस आर्ट्स पैदल पुल से पैंतालिस टन ताले हटाए l  जोड़े प्रेम प्रसंग भाव के प्रदर्शन के तौर पर, तालों पर अपने नाम के प्रथमाक्षर उकेरकर पुल के जंगलों में लगाकर चाभी शेन नदी में फेंक देते हैं l

हजारों बार यह विधि दोहराई गई, पुल अधिक “प्रेम” का बोझ सहने को तैयार न था l आख़िरकार शहर अधिकारीयों ने, पुल की ताकत पर शंका करके, “प्रेम तालों” को हटा दिया l

तालों का अर्थ अनंत प्रेम प्रकट करना था, किन्तु मानवीय प्रेम स्थायी नहीं है l परम मित्र परस्पर धोखा देकर कभी मतभेद नहीं सुलझाते हैं l परिजन बहस करते  और क्षमा नहीं करते l पति-पत्नी एक दूसरे से अलग हो जाते हैं और भूल जाते हैं कि उन्होंने विवाह क्यों किया था l मानवीय प्रेम चंचल होता है l

एक प्रेम स्थिर और स्थायी है-परमेश्वर का प्रेम l “यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है!” भजन 106:1 की घोषणा है l परमेश्वर के प्रेम का विजयी और अनंत स्वभाव सम्पूर्ण बाइबिल में है l और इसका महानतम प्रमाण उसके पुत्र की मृत्यु है कि उसपर विश्वास करनेवालों को अनंत जीवन मिलेगा l और परमेश्वर के प्रेम से हमें कोई अलग नहीं कर सकता (रोमि. 8:38-39) l

सहविश्वसियों, हम परमेश्वर के प्रेम में हमेशा के लिए बंद  हैं l

प्रसिद्धि और विनम्रता

हममें से कितने प्रसिद्धि से आसक्त हैं-या तो खुद की प्रसिद्धि से अथवा प्रसिद्ध लोगों के जीवनों के विषय प्रत्येक जानकारी रखकर l अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक या फ़िल्मी दौरे l देर-रात्रि कार्यक्रम में उपस्थिति l ट्विटर पर लाखों प्रसंशक l

अमरीका में एक हाल ही के अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने इन्टरनेट पर छाए हुए एक विशेष विधि द्वारा प्रसिद्ध व्यक्तियों को श्रेणीबद्ध किया l यीशु इतिहास के सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति के रूप में सर्वोत्तम रहा l

फिर भी यीशु में प्रसिद्धि की चिंता कभी नहीं थी l उसने पृथ्वी पर रहते हुए प्रसिद्धि नहीं चाही (मत्ती 9:30; यूहन्ना 6:5)-यद्यपि प्रसिद्धि ने उसको ढूंढ लिया जब गलील के क्षेत्र में उसके विषय खबर फ़ैल गई (मरकुस 1:28; लूका 4:37) l

जहाँ भी यीशु गया भीड़ उसके चारों ओर थी l उसके आश्चर्यकर्मों ने लोगों को उसकी ओर खींचा l किन्तु लोंगों द्वारा उसको राजा बनाने की अवस्था में, वह वहाँ से चला गया (यूहन्ना 6:15) l अपने पिता से संयुक्त उद्देश्य में, वह निरंतर पिता की इच्छा और समय की ओर उन्मुख हुआ (4:34; 8:29; 12:23) l “[वह] यहाँ तक आज्ञाकारी रहा कि मृत्यु, हाँ, क्रूस की मृत्यु भी सह ली” (फ़िलि. 2:8) l

प्रसिद्धि यीशु का लक्ष्य नहीं था l उसका उद्देश्य सरल था l परमेश्वर पुत्र के रूप में, वह विनम्रता, आज्ञाकारिता, और खुद से हमारे पापों के लिए अपने को बलिदान किया l

पीने योग्य पुस्तक

विश्व के हिस्सों में पीने का साफ़ पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण, वाटर इज़ लाइफ नाम की संस्था ने “पीने योग्य पुस्तक” नाम का एक अद्भुत श्रोत विकसित किया है l पुस्तक के पन्नों पर चाँदी के सूक्ष्मकणों की परत चढ़ी हुई है जो 99.9 फीसदी हानिकारक जीवाणुओं को छान देता है! 4 पैसे का एक पृष्ठ 100 लीटर…

तैयारी करना

अंत्येष्टि गृह में ताबूत में अपने ससुर का शव देखते समय, उनके बेटे ने पिता की हथौड़ी उनके हाथों के नीचे रख दी l वर्षों बाद, मेरी सास की मृत्यु पर एक बच्चे ने बुनने की सलाई उनकी उंगलियों के नीचे रख दीं l ये खूबसूरत हाव-भाव हमें याद दिलाकर सुख दिए कि उन्होंने अपने जीवनों में इन साधनों का…

याद रखना ...

वृद्ध होने की एक कठिनाई मनोभ्रंश(Dementia) और अल्पावधि याददाश्त खोने का भय है l किन्तु मानसिक रोग Alzheimer विषय पर विशेषज्ञ डॉ. बेंजामिन मास्ट कुछ प्रोत्साहन देते हैं l उनके अनुसार रोगियों के मस्तिष्क अक्सर “इतने अभ्यस्त” और “आदि” होते हैं कि वे एक पुराना गीत सुनकर प्रत्येक शब्द के साथ गा सकते हैं l उनकी सलाह है कि वचन…

दृश्य अतिसंवेदनशीलता

बाँह के शल्यचिकित्सा के कई सप्ताह बाद बाहर जाने से मैं डरती थी l बाँह-स्लिंग के उपयोग से मैं आरामदायक थी, किन्तु मेरे चिकित्सकों ने उसका उपयोग रोक दिया l उसी समय मैंने यह कथन देखी :: इस मुकाम पर अनियंत्रित माहौल में अतिसंवेदनशीलता के दृश्य संकेत को छोड़कर स्लिंग का उपयोग हतोत्साहित किया जाता है l”

आहा, यह बात! मैं…

आपके पास उद्देश्य है

पश्चिमी टेक्सास में एक गर्म दिन में, मेरी भांजी ने एक स्त्री को देखा जो एक यातायात बत्ती के पास एक संकेत लिए खड़ी थी l गाड़ी निकट लेन पर, उसने अनुमान लगाकर कि शायद उसे पैसा या भोजन चाहिए उस संकेत को पढ़ना चाहा l इसके बदले, वह इन शब्दों को, “आपके पास उद्देश्य है,” पढ़कर चकित हुई l…