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Articles by ग्लेन पैकियम

जहां चुनाव ले जाता है

किसी भी मोबाइल सेवा और मार्ग नक़्शे के बिना, हम आरम्भ से ही एक निश्चित नक़्शे की याद रखकर उसी के मार्गदर्शन में चल रहे थे l एक घंटे से अधिक समय के बाद, हम जंगल में से पार्किंग स्थल में पहुँच गए l मोड़ को भूलने पर जिससे हम आधी मील के भीतर यात्रा पूरी कर लेते, हमें कहीं अधिक लम्बी पैदल यात्रा करनी पड़ी l
जीवन ऐसा हो सकता है : हमें सरलता से यह नहीं पूछना है कि क्या कुछ सही है या गलत, परन्तु यह कहाँ ले जाएगा l भजन 1 जीवन जीने के दो तरीकों की तुलता करता है – धर्मी का (वे जो परमेशवर से प्यार करते हैं) और दुष्ट का (परमेश्वर से प्रेम करनेवालों के शत्रु) l धर्मी वृक्ष के समान फलते-फूलते हैं, परन्तु दुष्ट भूसी के समान उड़ जाते हैं (पद.3-4) l यह भजन प्रगट करता है कि फलना फूलना वास्तव में कैसा होता है l जो ऐसा जीवन जीता है वह नवीनीकरण और जीवन के लिए परमेश्वर पर निर्भर रहता है l
इसलिए हम किस प्रकार इस प्रकार का व्यक्ति बन सकते हैं? दूसरी चीजों में, भजन 1 हमसे विनाशकारी संबंधों और अस्वास्थ्यकर आदतों से अलग रहने और परमेश्वर के निर्देशों में आनंदित रहने का आग्रह करता है (पद.2) l आखिरकार, हमारे फलने फूलने का कारण परमेश्वर का हम पर ध्यान देना है : “यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है” (पद.6) l
अपने सारे मार्ग परमेश्वर पर डाल दो
,
उसे पुराने नमूनों से आपको पुनः निर्दिष्ट(
re-direct)
करने दें जो व्यर्थ की ओर ले जाते हैं और पवित्र वचन को दरिया बनने दें जो आपके हृदय की जड़ प्रणाली को पोषित करता है
l

धन्य रोटी

जब हमारी सबसे बड़ी बेटी किशोरी हो गयी, मेरी पत्नी और मैंने उसे एक दैनिकी दी जो हम उसके जन्म से अभी तक लिख रहे थे l हमने उसके पसंद और नापसंद, विशिष्टताएँ और यादगार एक पंक्ति चुटकुले लिखे थे l कहीं-कहीं पर प्रविष्ठियां पत्र की तरह हो गए थे, जिसमें यह वर्णन था कि हम उसमें क्या देखते हैं और किस प्रकार हम परमेश्वर को उसमें काम करते देखते हैं l जब हमने उस दैनिकी को उसे तेरह साल की उम्र में दिया, वह मंत्रमुग्ध हो गयी l उसे अपनी पहचान के मूल भाग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जानने का उपहार दिया गया था l 

रोटी के रूप में कुछ सामान्य वस्तु को आशीष देने में, यीशु उसकी पहचान प्रकट कर रहा था l यह – समस्त सृष्टि के साथ – किस बात को प्रतिबिंबित करने के लिए बनाया गया था : परमेश्वर की महिमा l मैं मानना हूँ कि यीशु भौतिक संसार के भविष्य की ओर भी इशारा कर रहा था l सारी सृष्टि एक दिन परमेश्वर की महिमा से भर जाएगी l इसलिए रोटी पर आशीष देने में (मत्ती 26:26), यीशु सृष्टि के आरम्भ और नियति की ओर संकेत कर रहा था (रोमियों 8:21-22) l 

हो सकता है कि आपकी कहानी का “आरम्भ” गड़बड़ हो l शायद आपको नहीं लगता कि भविष्य में बहुत कुछ है l लेकिन एक बड़ी कहानी है l यह एक ऐसे परमेश्वर की कहानी है जिसने आपको उद्देश्य पर और एक उद्देश्य के लिए बनाया, जिसने आप में आनंद लिया l यह एक ऐसे परमेश्वर की कहानी है जो आपको बचाने के लिए आया (मत्ती 26:28); एक परमेश्वर जिसने आपको नूतन बनाने के लिए और आपकी पहचान लौटने के लिए अपनी आत्मा आपमें डाल दी l यह एक ऐसे परमेश्वर की कहानी है जो आपको आशीष देना चाहता है l

साझा करने के लिए तोड़ा गया

एक कार दुर्घटना में पत्नी की मृत्यु के बाद वो और मैं प्रत्येक गुरुवार को मुलाकात करते थे l कभी-कभी उसके पास ऐसे प्रश्न होते थे जिसके उत्तर मौजूद नहीं हैं; कभी-कभी वह यादों के साथ होता था जिनके साथ वह फिर से जीना चाहता था l समय के साथ, उसने स्वीकार किया कि भले ही दुर्घटना हमारे टूटे संसार का एक परिणाम था, परमेश्वर इसके मध्य काम कर सकता था l कुछ साल बाद, उसने हमारे चर्च में दुःख और कैसे अच्छी तरह विलाप किया जा सकता है, के बारे में एक कक्षा को पढ़ाया l जल्द ही, वह नुक्सान का अनुभव कर रहे लोगों के लिए हमारा भरोसेमंद मार्गदर्शक बन गया l कभी-कभी जब हमें ऐसा महसूस नहीं होता है कि हमारे पास देने के लिए कुछ है तो परमेश्वर हमारे “अप्रयाप्त” को लेकर “पर्याप्त से अधिक” बना देता है l

यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि वे लोगों को कुछ खाने के लिए दें l उन्होंने विरोध किया कि देने के लिए कुछ नहीं था; यीशु ने उनकी आपूर्ति को गुणित किया और फिर चेलों की ओर मुड़कर उन्हें वह रोटी दिया जैसे कि यह कहना हो, “तुम ही उन्हें खाने को दो” (लूका 9:13) l मसीह आश्चर्यक्रम करेगा, लेकिन वह अक्सर हमें शामिल करने का विकल्प चुनता है l 

यीशु हमसे कहते है, “तुम खुद को और जो तुम्हारे पास है मेरे हाथों में सौंप दो l अपना टूटा हुआ जीवन l अपनी कहानी l अपनी दुर्बलता और अपनी विफलता, अपने पीड़ा और अपना दुःख l मेरे हाथों में सौंप दो l तुम आश्चर्यचकित होगे कि मैं इसके साथ क्या कर सकता हूँ l” यीशु जानता है कि हमारी शुन्यता से बाहर, वह पूर्णता ला सकता है l हमारी कमजोरी से, वह अपनी ताकत को प्रकट कर सकता है l