“प्रेम का ताला“ एक बढ़ता तथ्य है। हजारों प्रेमी इन प्रेम के तालों को फ्रांस, चीन, ऑस्ट्रेलिया, चेक गणराज्य, सरबिया, स्पेन, मेक्सिको, उत्तरी आयरलैंण्ड के साथ पूरे संसार में सेतु, फाटक, और बाड़ों में लगाया है । जोड़े एक ताले पर अपने नाम खोदकर अपने अनन्त प्रेम के प्रतीक के रूप में सार्वजनिक स्थानों में लटका देते हैं । किसी-किसी सीमाचिह्न के अधिकारी अधिक तालों से उत्पन्न खतरों के कारण इन्हें देखकर अपने तेवर दिखाते हैं । कुछ लोग सोचते हैं कि यह कलाकृतिविध्वंश के कार्य हैं, जबकि दूसरे इन्हें खूबसूरत कला और समर्पित प्रेम का तस्वीर मानते हैं ।

प्रभु एक सार्वजनिक स्थान में हमें वास्तविक “अनन्त प्रेम” दिखाया। उसने अपने प्रेम को क्रूस पर प्रकट किया जब उसने पापों की क्षमा हेतु अपना जीवन दिया । और वह निरन्तर दैनिक आधार पर अपना प्रेम हम पर प्रकट करता है । उद्धार केवल एक प्रतिज्ञा नहीं है कि हम परमेश्वर के साथ अनन्त तक रहेंगे, किन्तु यह उसके साथ हमारे सम्बन्ध में क्षमा, निश्चिय, प्रबन्ध, और अनुग्रह का दैनिक अनुभव है । हमारे लिए यीशु का प्रेम दूसरों के साथ “प्रेम में {चलने की}” (इफि. 5:2) पौलुस की चुनौति है ।

पिता का प्रेम हमें धीरजवन्त और दयालु बनाता है । अपने पुत्र में उसने हमेशा परस्पर प्रेम के लिए हमें एकमात्र उदाहरण और साधन दिया है ।