मछली पकड़नेवाले एक मित्र ने मुझे यहाँ आइडाहो में जगहैण्डल पहाड़ के उत्तरी किनारे की ऊँचाई पर स्थित एलपाइन झील के विषय बताया। अफवाह में थी वहाँ बड़ी खतरनाक ट्राउट मछलियाँ हैं। मेरा मित्र नक्शा बनाया। अनेक सप्ताह बाद मैं अपनी गाड़ी से उसके अनुसार निकल पड़ा।

उसके नक्शे ने मुझे एक सबसे खराब सड़क पर पहुँचा दिया जिसपर मैं शायद ही कभी चला हूँगा ! यह पुरानी सड़क लट्ठे ढोने हेतु बनायी गयी थी और कभी भी सुधरी नहीं थी। मिट्टी का बहाव, गिरे हुए लट्ठे, पहिए के गहरे निशान और बड़े पत्थरों ने मेरे मेरुदण्ड को तकलीफ और गाड़ी के निचले हिस्से को हानि पहुँचायी। पहुँचने में मुझे आधा दिन लगे, तब मैंने प्रश्न किया, “क्यों एक मित्र ने यह सड़क बतायी?”

किन्तु झील विशाल थी और मछलियाँ भी वास्तव में बड़ी और बेजोड़! मेरे मित्र ने मुझे सही मार्ग दिखाया था-यदि मैं अन्त जानता तो स्वयं उसका चुनाव करके धैर्य रखता।

एक विश्वासयोग्य कथन है: “जो यहोवा की वाचा और चितौनियों को मानते हैं, उनके लिये उसके सब मार्ग करुणा और सच्चाई हैं“(भजन 25:10)। हमारे लिए परमेश्वर के कई मार्ग अप्रिय और ऊबड़-खाबड़ हैं, दूसरे कठिन और अरूचिकर हैं, किन्तु सभी उसके प्रेम और विश्वासयोग्यता से परिपूर्ण हैं। जब हमें अपनी यात्रा में ज्ञात होता है कि हम क्या जानेंगे, हम कहेंगे, “परमेश्वर का मार्ग मेरे लिए सर्वोत्तम था।”