मेरी भांजी के पति ने हाल ही में एक सोशल मीडिया साइट पर इन शब्दों को लिखा : “मैं ऑनलाइन पर और अधिक बोलता यदि यह धीमी आवाज़ मुझे मन नहीं करती l मसीह का अनुयायी होने के कारण, आप शायद सोचेंगे की धीमी आवाज़ पवित्र आत्मा की है l वह नहीं है l यह मेरी पत्नी की है l”
मुस्कराहट के साथ आती है एक बुद्धिमत्ता विचार l एक विवेकी मित्र की चेतावनी परमेश्वर की बुद्धि प्रगट करती है l सभोपदेशक 9 कहता है कि “बुद्धिमानों के वचन जो धीमे धीमे कहे जाते हैं …… सुने जाते है”(पद. 17) l
वचन हमें अपने ही नज़रों में बुद्धिमान एवं घमंडी नहीं बनने की चेतावनी देता है(नीतिवचन 3:7; यशा.5:21; रोमियों 12:16) l अर्थात, ऐसा अनुमान न लगायें कि हमारे पास प्रत्येक उत्तर है! नीतिवचन 19 :20 कहता है, “सम्मति को सुन ले और, और शिक्षा को ग्रहण कर, कि तू अनंतकाल में बुद्धिमान ठहरे l” परमेश्वर अपना अधिक ज्ञान सिखाने के लिए दूसरों का उपयोग कर सकता है, चाहे मित्र है, जीवनसाथी है, पास्टर है, अथवा एक सहकर्मी है l
नीतिवचन की पुस्तक घोषणा है, “समझवाले के मन में बुद्धि वास किये रहती है”(14 : 33) l पवित्र आत्मा की बुद्धि पहचानने का एक तरीका है कैसे सुना जाए और परस्पर सीखना l