वह दुरस्त, अपशकुन ध्वनि, अनिष्ट-सूचक, कोलाहल में बदल गया l फ़िनलैंड के सैनिक सैंकड़ों तोप और उनसे अधिक संख्या में हजारों शत्रु सैनिक देखे l l हिंसा का आभास कर, एक अज्ञात फिनलैंड निवासी साहसपुर्वक, ऊँची आवाज़ में शत्रुओं के निकट चिल्लाता फिरा : “हम इनको कहाँ दफनाएंगे?”
द्वितीय विश्व युद्ध में फ़िनलैंड द्वारा ऐसी दिलेरी दिखाने के 2,600 वर्ष पूर्व, चिंतित यहूदियों ने घबरानेवाली स्थिति के लिए अत्यंत भिन्न प्रतिक्रिया दिखायी l असीरिया की सेना ने यरुशलेम वासियों को शहरपनाह में कैद कर उनके सामने भूखमरी की आशाहीन आसार और दासत्व की स्थिति पैदा की l हिजकिय्याह ने अत्यंत घबराकर प्रार्थना की, “ हे सेनाओं के यहोवा, … पृथ्वी के सब राज्यों के ऊपर केवल तू ही परमेश्वर है”(यशा. 37:16) l
प्रभु ने यशायाह नबी द्वारा शक्तिशाली आवाज़ में, असीरिया के राजा सन्हेरीब से बोला l “तू ने जो बड़ा बोल बोला और घमंड किया है, वह किस के विरुद्ध किया है? इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध!”(पद.23) l तत्पश्चात परमेश्वर ने इस्राएल को सांत्वना दी l “मैं अपने निमित और अपने दास दाऊद के निमित, इस नगर की रक्षा करके उसे बचाऊंगा”(पद.35) l प्रभु ने सन्हेरीब को पराजित कर असीरिया की सेना को नष्ट किया(पद.36-38) l
आज आपके सामने जो भी खतरा हो, हिजकिय्याह और यशायाह का परमेश्वर अभी भी राज्य करता है l वह हमारी सुनकर अपनी शक्ति दिखाएगा l