मेरा पुत्र नर्सरी स्कूल जाना आरंभ किया l पहले दिन वह रोकर बोला, “मुझे स्कूल पसंद नहीं l” हम दोनों पति-पत्नी उससे बातें किये l “हम वहां नहीं होंगे, किन्तु हम प्रार्थना करेंगे l” इसके अलावा, यीशु सदा तुम्हारे साथ है l”
“किन्तु वह दिखाई नहीं देता!” उसने तर्क दिया l मेरे पति उसे गले लगाकर कहा, “वह तुम्हारे अन्दर रहता है l वह तुम्हें अकेले नहीं छोड़ेगा l” मेरे पुत्र ने अपने ह्रदय को छूकर कहा, “हाँ, यीशु मुझमें रहता है l”
केवल बच्चे ही अलगाव की चिंता से ग्रस्त नहीं होते l जीवन के हर चरण में हम अपने प्रेमियों से अलगाव अनुभव करते हैं, कभी भोगालिक दुरी और कभी मृत्यु के कारण l किन्तु, हम स्मरण रखें कि परमेश्वर हमेशा हमारे साथ है l यह उसका वादा है l परमेश्वर ने सदा हमारे साथ और हमारे अंदर रहने हेतु सत्य का आत्मा-हमारा वकील और सहायक- भेजा है(यूह.14:15-18) l हम उसके प्रिय बच्चे हैं l
अपने पुत्र के साथ मैं भी भरोसा सीख रही हूँ l अपने पुत्र की तरह, मैं आत्मा को देख सकती हूँ, और प्रतिदिन परमेश्वर का वचन पढ़ते समय उसके उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन के साथ मैं उसकी सामर्थ को अनुभव कर सकती हूँ l हम परमेश्वर का प्रवाधान, मसीह की आत्मा के लिए धन्यवाद दें जो हमारे साथ और हमारे संग है l हम अकेले नहीं हैं !