घाना के एकन लोगों का एक मुहावरा है : “गिरगिट उसे पत्थर मरनेवाले लड़कों से अधिक उसके नियति के तमाशगीन लड़कों पर क्रुद्ध होता है!” किसी के पतन पर आनंदित होना पतन के कारणों में या उस व्यक्ति के लिए बुरी इच्छा रखने में भागीदारी भी है l
अम्मोनी भी दुर्भावपूर्वक आनंदित हुए जब यरूशलेम का मंदिर “अपवित्र किया गया, और इस्राएल …. उजड़ गया, और यहूदा के घराने के विषय जब वे बन्धुआई में गए”(यहे.25:3) l इस्राएल के दुर्भाग्य का दुर्भावनापूर्वक उत्सव मनाने से, अम्मोनी भयानक परिणाम के साथ परमेश्वर का क्रोध सहे (पद.4-7) l
हमारे पड़ोसी पर मुसीबत आने पर हमारी प्रतिक्रिया क्या होती है? यदि वह अच्छा और मित्रवत् पडोसी है, तब, हम उसके साथ सहानुभूति रखते और उसकी मदद करते हैं l किन्तु अमित्रवत् और परेशन करनेवाले पडोसी के विषय? हमारी स्वाभाविक मानसिकता उसकी अवहेलना या चुपचाप उसके पतन पर आनंदित होना हो सकता है l
नीतिवचन हमें चितता है : “जब तेरा शत्रु गिर जाए तब तू आनंदित न हो, और जब वह ठोकर खाए, तब तेरा मन मगन न हो”(24:17) l इसके बदले, यीशु हमसे कहते हैं कि हम अपने कार्य द्वारा उसका प्रेम दिखाते हैं जब हम “अपने बैरियों से प्रेम [रखते हैं] और अपने सतानेवालों के लिए प्रार्थना [करते हैं]”(मत्ती.5:44) l इस तरह, हम अपने प्रभु के सिद्ध प्रेम का अनुसरण करते हैं (5:48) l