एक पुलिस अधिकारी ने एक स्त्री को अपनी कार में अपनी छोटी बेटी के लिए उचित सीट नहीं लगवाने के कारण रोका, वह यातायात नियम उल्लंघन के कारण उसको दण्डित कर सकता था l इसके बदले, उसने उस माँ और बेटी को उचित सीट के लिए अपनी जेब से पैसे दिए l माँ पैसे की किल्लत के कारण सीट खरीदने में असमर्थ थी l

यद्यपि वह स्त्री दंड के योग्य थी, बदले में उसे उपहार मिला l ऐसा ही अनुभव मसीह को जानने वाले का है l परमेश्वर के नियम तोड़ने के लिए हम सभी दंड के योग्य हैं l (सभो. 7:20) l फिर भी, यीशु के कारण, परमेश्वर की कृपादृष्टि हम पर होती है जिसके हम अयोग्य हैं l यह कृपादृष्टि हमें पाप के अंतिम परिणाम अर्थात मृत्यु और परमेश्वर से अनंत अलगाव से सुरक्षित करता है (रोमि. 6:23) l “हम को [यीशु में] ….. अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है” (इफि.1:7) l

कुछ लोग अनुग्रह को “व्यवहार में प्रेम” कहते हैं l उस माँ ने इसे अनुभव करके बाद में कहा, “मैं हमेशा कृतज्ञ रहूंगी! ….और पैसे का प्रबंध होते ही मैं सहायता आगे बढ़ा दूंगी l” अधिकारी की सहायता के प्रति इस तरह का कृतज्ञतापूर्ण और उदार प्रतिउत्तर हमारे लिए जो परमेश्वर के अनुग्रह का उपहार पाते हैं, प्रेरणादायक उदाहरण है l