एक दिन मुझको गुलाबी ट्यूलिप का गुलदस्ता मिला l फूल मोटी डालियों के साथ थे जिन्हें मैंने फूलदान में लगाकर रसोई के मेज़ पर रख दिया l अगले दिन, मैंने फूलों को दूसरी दिशा में देखा l फूल खिड़की से आती धुप की ओर झुक गए थे l
एक अर्थ में, हमें उन फूलों की तरह ही बनाया गया है l परमेश्वर हमें अपने प्रेम की दिशा में मुड़ने हेतु बुलाया है l पतरस हमें “अन्धकार में से अपने अद्भुत् ज्योति” के आश्चर्य के विषय लिखता है (1 पतरस 2:9) l परमेश्वर को जानने से पूर्व हम पाप और मृत्यु की छाया में रहते हैं, जो हमें उससे अलग रखता है (इफि. 2:1-7) l हालाँकि, परमेश्वर करुणा और प्रेम के कारण, अपने पुत्र की मृत्यु और पुनरुत्थान द्वारा हमें आत्मिक अन्धकार से बचाव का मार्ग दिया है (कुलु. 1:13-14) l
यीशु संसार की ज्योति है, और पाप से क्षमा हेतु उस पर विश्वास करनेवाले सभी अनंत जीवन पाते हैं l केवल उसकी ओर मुड़नेवाले ही उसकी अधिक भलाई और सच्चाई प्रतिबिंबित करेंगे (इफि.5:8-9) l
हम ज्योति की ओर झुकना न भूलें l