1952 में फ्लोरेन्स चेड्विक कैलिफोर्निया के तट से केटालीना द्वीप तक 26 मील तैरने का प्रयास की l 15 घंटे बाद, घना कोहरा उसकी दृष्टि को बाधित किया, उसने दिशाहीन होकर हार मान ली l अपनी हैरानी में, उसने जाना कि वह गंतव्य से केवल 1 मील पहले ही छोड़ी थी l
दो महीने बाद उसने दूसरी बार तैरने का प्रयास किया l पुनः घना कोहरा छाया किन्तु वह इस दूरी को तैरकर गंतव्य पहुँचने वाली पहली महिला बनी l चेड्विक ने कहा, गंतव्य न दिखाई देने के बावजूद उसने उसको अपने मस्तिष्क में रख लिया था l
जब जीवन की परेशानियां हमारी दृष्टि को बाधित करती है, हमें अपने लक्ष्य को विश्वास की आँखों से देखना सीखना होगा l नए नियम की इब्रानियों की पत्री हमसे आग्रह करती है, “वह दौड़ जिसमें हमें दौड़ना है धीरज से दौड़ें, और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर ताकते रहें” (इब्रा. 12:1-2) l जब छोड़ने की परीक्षा आए, यह स्मरण करने का संकेत है कि यीशु हमारे लिए दुःख ही नहीं सहा किन्तु आज भी टिके रहने में मदद करता है -जब तक हम उसे आमने-सामने नहीं देखते हैं l