खुद को आश्वस्त करने हेतु केमब्रिज के नक़्शे पर अपनी ऊँगलियाँ फेरते हुए, मैंने अपनी साईकिल पार्क की l दिशा ज्ञान में दुर्बल, ऐतिहासिक इमारतों के बीच सड़कों की भूल-भुलैया में खो जाना सरल था l

जीवन शांतिपूर्ण हो सकता था, क्योंकि मैंने अभी-अभी अपने अंग्रेज से विवाह करके यू के में रहने लगी थी l किन्तु स्वयं को अठिकाने महसूस किया l शांत रहने पर मैं उनमें मिल गयी, किन्तु बोलने पर मैंने तुरंत अपने को अमरीकी सैलानी महसूस किया l मैंने तुरंत पहचाना कि दो अड़ियल जीवनों को एक सहभाजी जीवन में लाना मेरी प्रत्याशा से कठिन था l

मैंने अपने को अब्राहम से जोड़ा, जिसने अपने समस्त ज्ञान को छोड़कर, प्रभु की आज्ञानुसार एक नए स्थान में अपरिचित और विदेशी होकर रहने गया (उत्त.12:1) l उसने परमेश्वर में विश्वासी रहकर सांस्कृतिक चुनौतियों का सामना किया, और 2,000 वर्ष बाद इब्रानियों के लेखक ने उसे नायक कहा (11:9) l अब्राहम विश्वास से जीवित रहा, प्रतिज्ञात वस्तुओं की इच्छा किया, अपने स्वर्गिक घर की आशा में ठहरा रहा l

शायद आप उसी नगर में रहते हों, किन्तु मसीही होकर हम इस संसार में अपरिचित और विदेशी हैं l हम विश्वास से आगे बढ़ते हैं, जानते हुए कि परमेश्वर मार्गदर्शित करेगा, और विश्वास से हम भरोसा करते हैं वह हमें नहीं त्यागेगा l हम विश्वास से एक घर की राह देख रहे हैं l