कोई भी भूलकर बेबीलोन के प्राचीन सैनिकों को भद्र नहीं मान सकता था l वे निर्दयी, शक्तिशाली, और शातिर थे, और उकाब की तरह दूसरे राष्ट्रों को अपने वश में कर लेते थे l वे सामर्थी और घमंडी भी थे, अपने बल के उपासक l बाइबल बताती है कि “उनका बल ही उनका देवता” था (हब.1:11) l
मिद्यानियों से युद्ध की तैयारी में परमेश्वर नहीं चाहता था कि इस्राएली सेना इस तरह के आत्म-निर्भरता से प्रभावित हो l इसलिए उसने इस्राएल के सेनाध्यक्ष, गिदोन से कहा, “जो लोग तेरे संग हैं वे इतने हैं कि मैं मिद्यानियों को उनके हाथ नहीं कर सकता, नहीं तो इस्राएल … मेरे विरुद्ध अपनी बड़ाई मारने लगेंगे” (न्यायियों 7:2) l परिणामस्वरूप, गिदोन ने भयभीत सैनिकों को वापस भेजा l 22 हज़ार शीघ्र लौट गए, जबकि 10,000 सैनिक ठहर गए l परमेश्वर 300 लोग बचने तक सेना को छोटा किया (पद. 3-7) l
कम सैनिक अर्थात् इस्राएल नाटकीय रूप से दुश्मन से कम थे, जो “टिड्डियों के सामान” निकट तराई में फैले थे (पद. 12) l इसके बावजूद, परमेश्वर ने गिदोन को प्रभावशाली जीत दी l
कभी-कभी, परमेश्वर उसकी सामर्थ्य से आगे बढ़ने हेतु हमारे श्रोतों को कम करेगा l हमारी ज़रूरत उसकी सामर्थ्य में है, किन्तु वह ही कहता है , “मैं … तेरी सहायता करूँगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्भाले रहूना “ (यशा. 41:10) l