20 वीं शताब्दी के अंत में एक नवप्रवर्तनशील पत्रकार, डब्ल्यू. टी. स्टेड, विरोधात्मक सामाजिक विषयों पर लिखने के लिए जाना गया l उसके द्वारा प्रकाशित दो लेख परिचालन करनेवाले जलयानों में यात्रियों के लिए रक्षा-नौकाओं की कमी के विषय था l विपरीततया, स्टेड टैटानिक जलयान पर था जब वह उत्तर अटलान्टिक सागर में अप्रैल 15, 1912 को एक बर्फ के चट्टान से टकराया l एक रिपोर्ट अनुसार, महिलाओं और बच्चों को रक्षा-नौकाओं में भेजकर, स्टेड ने अपना जीवन रक्षक वास्केट और रक्षा-नौका दूसरों के लिए त्यागकर बलिदान हो गया l

आत्म-बलिदान के विषय कुछ भावोत्तेजक है l मसीह से महान उदहारण कहीं और नहीं है l इब्रानियों के लेखकानुसार, “यह व्यक्ति तो पापों के बदले एक ही बलिदान सर्वदा के लिए चढ़ाकर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा, … क्योंकि उसने एक ही चढ़ावे के द्वारा उन्हें जो पवित्र किये जाते हैं, सर्वदा के लिए सिद्ध कर दिया है” (इब्रा. 10:12,14) l गलातियों के अपने पत्र में, पौलुस इस महान बलिदान का वर्णन इस तरह करता है : “प्रभु यीशु मसीह … अपने आप को हमारे पापों के लिए दे दिया, ताकि … हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ाए” (गला. 1:3-4) l

हमारे एवज में यीशु का स्वयं का बलिदान हमारे लिए उसके प्रेम का माप है l वह इच्छित बलिदान आज भी लोगों को बचाता है और उसके साथ अनंतता का आश्वासन देता है l