एक मित्र दौरे आने के कारण बच्चे को हॉस्पिटल ले गयी, अपनी बेटी के लिए प्रार्थना करते समय उसका हृदय तेजी से धड़क रहा था l उसकी बेटी के लिए उसका उत्तेजित प्रेम पुनः जाग उठा जब वह उसकी छोटी ऊँगलियाँ पकड़ी हुयी थी, परमेश्वर का प्रेम याद करते हुए और कैसे हम “उसकी आँख की पुतली” हैं l
जकर्याह नबी इस वाक्यांश का उपयोग परमेश्वर के लोगों के लिए करता है जो बेबीलोन के दासत्व से यरूशलेम लौटे थे l वह उनको पश्चाताप्, मंदिर निर्माण, और सच्चे परमेश्वर के लिए अपने प्रेम भरे हृदय को नूतन करने बुलाता है l क्योंकि परमेश्वर अपने लोगों से अत्यधिक प्रेम करता है; वे उसकी आँख की पुतली हैं l
इब्री विद्वान इस वाक्यांश के विषय बताते हैं कि जकर्याह 2 एक व्यक्ति का प्रतिबिम्ब दूसरे की आँख की पुतली में दिखाई देती है, का संकेत है, जिसमें शब्द “पुतली” उभरी दिखती है क्योंकि यह सामान्य गोलाकार वस्तु है l इसलिए आँख मूल्यवान और कोमल होने के कारण, उसे सुरक्षा चाहिए, और इसी तरह प्रभु अपने लोगों से प्रेम करके, अपने हृदय के निकट रखकर सुरक्षा देना चाहता है l
हमारे मध्य रहनेवाला प्रभु हमपर अपना प्रेम उंडेलता है – एक प्रेमी माँ से कहीं अधिक, अद्भुत जो वह अपने पीड़ित बच्चे के लिए करती है, l हम उसकी आँख की पुतली हैं, उसके प्रिय l