हमारा बेटा, जोश, अलास्का के कोडियाक में सालमोन मछली पकड़नेवाला व्यावासिक मछुआरा है l कुछ समय पूर्व उसने एक तस्वीर भेजी जिसमें उसके नाव के 100 ग़ज आगे एक संकरे दर्रे से एक छोटी नौका निकलती दिख रही थी l अनिष्टसूचक आंधी क्षितिज पर मंडरा रही है l किन्तु एक मेघधनुष, परमेश्वर के प्रावधान और प्रेमी देखभाल का चिन्ह, दर्रे की एक ओर से दूसरी ओर तना हुआ, छोटी नौका को घेरे हुए है l
तस्वीर हमारे धरती की यात्रा को प्रतिबिंबित करती है : हम एक अनिश्चित भविष्य की ओर जा रहे हैं, किन्तु हम परमेश्वर की विश्वासयोग्यता से घिरे हुए हैं!
यीशु के शिष्य आंधी से घिरे हुए थे, और उसने इस अनुभव का उपयोग उनको परमेश्वर की सामर्थ्य और विश्वासयोग्यता सिखाने के लिए किया (मत्ती 8:23-27) l हम जीवन की अनिश्चितता के लिए उत्तर खोजते हैं l हम भविष्य को अति निकट आते देखकर सोचते हैं वहाँ हमारे साथ क्या होगा l धर्मनिष्ठ कवि जॉन केबले ने इसे अपनी एक कविता में कैद किया जिसमें उसने निकट आते भविष्य को देखा l किन्तु देखते समय वह “देखने हेतु इंतज़ार कर रहा था परमेश्वर क्या करेगा l”
चाहे युवा या वृद्ध हम सब अनिश्चित भविष्य का सामना करते हैं l स्वर्ग उत्तर देता है: हर समय परमेश्वर का प्रेम और भलाई हमें घेरे रहती है l हम इंतज़ार करते और देखते हैं परमेश्वर क्या करेगा!