यरूशलेम के यहूदी ठिकाने में आप तिफेरेट यिस्राइल आराधनालय देखेंगे l 19वीं शताब्दी में निर्मित, यह आराधनालय 1948 के अरब-इस्राएल युद्ध में छापामारों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया l
यह स्थान वर्षों तक खंडहर रहा l 2014 में पुनर्निर्माण के समय शहर अधिकारियों ने एक खुरदरे पत्थर को कोने का पत्थर स्थापित किया जिस पर विलापगीत का सन्दर्भ था : “हे यहोवा, हम को अपनी ओर फेर, तब हम फिर सुधर जाएंगे” (5:21) l
विलापगीत यरूशलेम के लिए यिर्मयाह का अंत्येष्टि गीत है l यिर्मयाह नबी चित्रात्मक कल्पना के साथ शहर पर युद्ध प्रभाव दर्शाता है l पद 21 परमेश्वर के हस्तक्षेप हेतु उसका अनुनय है l फिर भी, नबी की सोच है कि क्या यह संभव है l वह अपनी दुखमय प्रार्थना भयभीत विरोध के साथ समाप्त करता है : “क्या तू ने हमें बिलकुल त्याग दिया है? क्या तू हम से अत्यंत क्रोदित है?” (पद. 22) l दशकों बाद, परमेश्वर ने निर्वासितों को यरूशलेम लौटाकर प्रार्थना का उत्तर दिया l
हमारे जीवन भी खण्डहर हो सकते हैं l हमारे द्वारा उत्पन्न परेशानियाँ और विरोध जिनको हम रोक नहीं सकते हमें उजड़ा हुआ छोड़ सकते हैं l किन्तु हमारा पिता हमें समझकर, कोमलता और धीरज से, समस्त मलवा साफ़ करके, उसे पुनः उद्देश्यपूर्ण और कुछ बेहतर बनाता है l समय लगता है, किन्तु हम उस पर भरोसा कर सकते हैं l वह उपाय करने में माहिर है l