नहेम्याह के निर्देशन में, इस्राइली यरूशलेम की दीवार बना रहे थे l लगभग आधा बनने पर, उन्हें यरूशलेम पर शत्रु आक्रमण की सम्भावना लगी l इस समाचार से थके कर्मी हतोसाहित हुए l

नहेम्याह ने सबसे पहले प्रार्थना करके सामरिक स्थानों पर पहरे लगाए l उसके बाद अपने कर्मियों को हथियारबंद कर दिया l “शहर के बनानेवाले और बोझ के ढोनेवाले दोनों … काम करते थे और … हथियार पकड़े रहते थे l राजमिस्त्री अपनी अपनी जांघ पर तलवार लटकाए हुए बनाते थे” (नहे. 4:17-18) l

हम परमेश्वर के राज्य को बनानेवालों को अपने आध्यात्मिक शत्रु, शैतान के विरुद्ध हथियारबंद होना है l हमारी सुरक्षा आत्मा का तलवार, अर्थात् परमेश्वर का वचन है l वचन को याद करके उसपर चिंतन करने से हम “शैतान की युक्तियों के सामने खड़े रह सकते” हैं (इफि. 6:11) l यदि हमारी सोच है कि परमेश्वर के लिए कार्य करना व्यर्थ है, हमें वह प्रतिज्ञा याद करना होगा कि यीशु के लिए कार्य करना अनंतता के लिए है (1 कुरिं. 3:11-15) l यदि हम डरते हैं कि हमारे अत्यधिक पाप के कारण परमेश्वर हमें अनुपयोगी हैं, हम स्मरण करें यीशु के लहू से हम क्षमा किये गए हैं (मत्ती.26:28) l और यदि हम परमेश्वर की सेवा नहीं कर सकते, हम यीशु की बातें याद करें, उस में बने रहकर हम फलदायी होंगे (यूहन्ना 15:5) l

परमेश्वर का वचन हमारा दिव्य बचाव है!