रिचर्ड को प्रेरणा की ज़रूरत थी, और उसे मिल गई l वह अपने मित्र केविन के साथ पहाड़ पर चढ़ रहा था l केविन रस्सी को मजबूती से पकड़ने वाला था l थकित और हार मानने के लिए तैयार, रिचर्ड ने केविन से उसे भूमि पर उतारने को कहा l किन्तु केविन ने उसे उत्साहित किया, अब वह बहुत ऊपर पहुँच गया है और छोड़ नहीं सकता l अधर में लटके हुए, रिचर्ड ने प्रयास जारी रखने का निर्णय लिया l आश्चर्यजनक रूप से, उसने अपने मित्र के प्रोत्साहन के कारण आरोहण पूरा किया l

आरंभिक कलीसिया में, यीशु के अनुयायी प्रभु का अनुसरण करने और करुणा दिखाने हेतु परस्पर उत्साहित करते थे l अनैतिकता से छलनी संस्कृति में, उन्होंने पवित्र जीवन जीने हेतु भाव प्रवणता से परस्पर आग्रह किया (रोमियों 12:1; 1 थिस.4:1) l विश्वासी प्रतिदिन एक दूसरे को उत्साहित करते थे, जैसे परमेश्वर उनको उभारता था (प्रेरितों 13:15) l वे एक दूसरे को देह के लिए प्रार्थना करने हेतु गुहार लगते थे (रोमियों 15:30), कलीसिया से लोगों के जुड़े रहने में सहायता करते थे (इब्रा. 10:25), और अधिक प्रेम करने हेतु कहते थे (1 थिस. 4:10) l

यीशु ने अपनी मृत्यु और पुनरुत्थान द्वारा हमें परस्पर मिलाया है l इसलिए, परमेश्वर की सामर्थ्य से हमारे पास सह विश्वासियों को भरोसा और आज्ञाकारिता का आरोहण पूरी करने में उत्साहित करने की जिम्मेदारी और अवसर है l