अपनी माँ के 50वें जन्मदिन पर सैंकड़ों लोगों की उपस्थिति में, पहलौठी बेटी कुकुआ ने अपनी माँ के कार्य स्मरण किए l समय कठिन था, कुकुआ याद करती है, और पैसे कम l किन्तु उसकी एकल माँ ने उसे हाई स्कूल तक पढ़ाने हेतु अपना आराम त्यागा, अपने कीमती गह्नों और संपत्ति बेचे l कुकुआ आंसुओं के साथ कहती है कि अत्यंत कठिन परिस्थिति में भी, उसकी माँ ने उसे और उसके भाई-बहनों को नहीं त्यागा l

परमेश्वर ने अपने लोगों के लिए अपने प्रेम की तुलना बच्चे के लिए माँ के प्रेम से किया l निर्वासन के समय इस्राएल के लोगों ने अपने को परमेश्वर द्वारा त्यागा हुआ महसूस करके शिकायत की : “यहोवा ने मुझे त्याग दिया है, मेरा प्रभु मुझे भूल गया है” (यशा. 49:14) l किन्तु परमेश्वर ने कहा, “क्या यह हो सकता है कि कोई माता अपने दुधपीते बच्चे को भूल जाए और अपने जन्माए हुए लड़के पर दया न करे? हाँ, वह तो भूल सकती है, परन्तु मैं तुझे नहीं भूल सकता” (पद. 15) l

परेशान या मोह-भंग के समय, हम समाज, परिजन, और मित्रों द्वारा परित्यक्त महसूस करते हैं, किन्तु परमेश्वर हमें नहीं त्यागता l यह महान प्रोत्साहन है जब प्रभु कहता है, “मैंने तेरा चित्र अपनी हथेलियों पर खोदकर बनाया है” (पद.16) यह जताने के लिए वह हमें जानता और सुरक्षित रखता है l परमेश्वर अपनों को कभी नहीं त्यागेगा l