उत्तरी लन्दन के अपने पड़ोस में चलते हुए, मुझे अनेक भाषाओं के अंश सुनने को मिलती है-पोलिश, जापानी, हिंदी, क्रोएशियाई, और इतालवी भाषा उनमें से कुछ एक हैं l यह विविधता स्वर्ग की झलक सी दिखाई देती है, फिर भी मैं उनको समझने में असमर्थ हूँ l रुसी कैफ़े में प्रवेश करने पर या पोलिश बाज़ार में जाकर भिन्न उच्चारण और ध्वनि सुनने पर, मैं सोचती हूँ पिन्तेकुस्त की दिन कैसा अद्भुत रहा होगा जब अनेक देशों के लोग शिष्यों को समझ पा रहे थे l

उस दिन तीर्थयात्री कटनी का पर्व मनाने यरूशलेम में इकट्ठे हुए थे l पवित्र आत्मा विश्वासियों पर उतरा ताकि उनके बोलने पर, सुननेवाले (जो ज्ञात संसार के अनेक देशों से आए थे) अपनी भाषाओं में समझ पा रहे थे (प्रेरितों 2:5-6) l कैसा आश्चर्यकर्म कि भिन्न देशों के परदेशी परमेश्वर की प्रशंसा अपनी भाषा में समझ सकते थे! कितनों ने यीशु के विषय और जानने को उत्सुक हुए l

हम कई भाषा बोल या समझ नहीं सकते, किन्तु हम जानते हैं कि पवित्र आत्मा हमें दूसरे तरीकों से लोंगों से संपर्क करने में सहायता करता है l विस्मयपूर्वक, हम परमेश्वर के उद्देश्य को आगे बढ़ाने हेतु उसके हाथ, पैर और मुँह हैं l आज, हम पवित्र आत्मा की मदद से किस तरह अपने से भिन्न व्यक्ति तक पहुँच सकते हैं?