2016 में, ब्रिटन और विश्व की थिएटर कम्पनियाँ विलियम शेक्सपियर के 400 वीं पूण्यतिथि मनाने के लिए विशेष प्रस्तुतीकरण दिए l संगीत-समारोह, व्याख्यान, और उत्सवों ने भीड़ जुटाया जिन्होंने अंग्रेजी भाषा में महानतम नाटककार माने जानेवाले के स्थायी कार्यों का उत्सव मनाया l शेक्सपियर के समकालीन व्यक्तियों में से एक, बेन जोन्सन, ने उनके विषय लिखा, “वह एक पीढ़ी का नहीं, किन्तु सभी समय का था l”
जबकि कुछ कलाकारों, लेखकों, और विचारकों का प्रभाव शताब्दियों तक रहेगा, यीशु मसीह ही एकमात्र व्यक्ति हैं जिसका जीवन और कार्य समय से परे स्थायी रहेगा l उसने दावा किया कि “जो रोटी स्वर्ग से उतरी [वह ही] … है … जो कोई वह रोटी खाएगा, वह सर्वदा जीवित रहेगा” (पद. 58) l
जब अनेक लोग यीशु की शिक्षाओं को सुनकर खेदित होकर उसके पीछे चलना छोड़ दिए (यूहन्ना 6:61-66), प्रभु ने अपने शिष्यों से पुछा यदि वे उसको छोड़ना चाहते हैं (पद.67) l पतरस ने उत्तर दिया, “हे प्रभु हम किसके पास जाएँ? अनंत जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं; और हम ने विश्वास किया और जान गए हैं कि परमेश्वर का पवित्र जन ही है” (पद. 68-69) l
जब हम यीशु को अपने हृदयों में प्रभु और उद्धारकर्ता करके ग्रहण करते हैं, हम उसके प्रथम शिष्यों के साथ और हर एक उसको ग्रहण करनेवाले के साथ नए और अनंत जीवन में -समय से परे- जुड़ जाते हैं l