मैं रिले दौड़ देखते समय एथलीट की शारीरिक ताकत, गति, कौशल और सहनशक्ति ने मुझे चकित किया l किन्तु दौड़ की एक निर्णायक बिंदु मेरे विशेष ध्यान को आकर्षित करके मुझे व्याकुल करती है l वह क्षण जब बैटन अगले एथलीट को दी जाती है l एक क्षण का विलम्ब, एक भूल, और दौड़ हारी जा सकती है l
एक अर्थ में, मसीही विश्वास, प्रभु और उसके वचन के ज्ञान का बैटन लिए हुए एक रिले दौड़ में हैं l और बाइबिल हमें इस बैटन को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को देने को कहती है l भजन 78 में, आसाप कहता है : “मैं प्राचीनकाल की गुप्त बातें कहूँगा, जिन बातों को हम ने सुना, और जान लिया, और बाप दादों ने हम से वर्णन किया है l हम उनकी … होनहार पीढ़ी के लोगों से … उसकी सामर्थ्य और आश्चर्यकर्मों का वर्णन करेंगे” (पद.2-4) l
मूसा ने कुछ समान बातें इस्राएलियों से कहीं : “कहीं ऐसा न हो कि जो जो बातें तुम ने अपनी आँखों से देखीं उनको भूल जाओ, और वह जीवन भर के लिए तुम्हारे मन से जाती रहें; किन्तु तुम उन्हें अपने बेटों पोतों को सिखाना” (व्यव. 4:9) l
आनेवाली पीढ़ी के लिए, हमें प्रेम और साहस से “जिसने [हमें] अंधकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट” करने हेतु जो भी कर सकते हैं करें” (1 पतरस 2:9) l