जोखिम में जीवन जी रहे किशोरों के बीच सेवा करनेवाली एक संस्था टीन चैलेंज न्यूयॉर्क में प्रार्थना के प्रति समर्पण से आरंभ हुई l उसके संस्थापक डेविड विल्कर्सन ने अपनी टी.वी. बेचकर टी.वी. देखने का समय (प्रति रात में 2 घंटे) प्रार्थना में व्यतीत किया l आनेवाले महीनों में उसने अपने प्रयास से स्पष्टता और परमेश्वर की प्रशंसा और उससे सहायता मांगने के बीच संतुलन सीखा l
राजा सुलेमान के मंदिर के लिए प्रार्थना में यह संतुलन दिखाई देती है l सुलेमान परमेश्वर की पवित्रता और विश्वासयोग्यता को प्रगट करना आरंभ करता है l तब वह योजना की सफलता के लिए परमेश्वर को श्रेय देकर परमेश्वर की महानता पर बल देकर कहता है, “सबसे ऊंचे स्वर्ग में भी तू नहीं समाता, फिर मेरे बनाए हुए इस भवन में तू कैसे समाएगा?”
(2 इतिहास 6:18) l
परमेश्वर को ऊंचा उठाने के बाद, सुलेमान ने मंदिर में होनेवाली समस्त गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया l उसने इस्राएलियों पर अपनी दिखने और उनके मन फिराने पर उनकी ज़रूरतें पूरी करने को कहा l
सुलेमान की प्रार्थना के तुरंत बाद, “स्वर्ग से आग ने गिरकर होमबलियों तथा अन्य बालियों को भस्म किया और यहोवा का तेज भवन में भर गया” (7:1) l यह अविश्वसनीय उत्तर हमें याद दिलाता है कि सर्वशक्तिमान जिसकी हम प्रशंसा करते और प्रार्थना में बात करते हैं हमारे निवेदनों को सुनता और उसके विषय चिंता करता है l