मसीही सेवा के लिए पुरुषों के प्रशिक्षण हेतु लन्दन का महान प्रचारक, चार्ल्स स्पर्जन ने, 1856 में, पास्टर कॉलेज की स्थापना की l 1923 में इस कॉलेज को स्पर्जन कॉलेज नाम दिया गया l आज कॉलेज के शिखर पर क्रूस को पकड़ा हुआ एक हाथ और लतीनी शब्द, Et Teneo, Et Teneor, अर्थात्, “मैं थामा हूँ और थामा हुआ हूँ” दिखता है l  अपनी आत्मकथा में, स्पर्जन ने लिखा, “यह कॉलेज का आदर्श वाक्य है l हम … मसीह के क्रूस को मजबूत हाथों से थामे हैं … क्योंकि वह क्रूस हमें आकर्षक सामर्थ्य से मजबूती से पकड़े हुए है l हमारी इच्छा है कि हर कोई सच्चाई को थामे रहे, और विशेषकर क्रूसित मसीह की सच्चाई उसे थामे रहे l

फिलिप्पियों में पौलुस, इस सच्चाई को जीवन का मूल-सिद्धांत कहता है l “यह मतलब नहीं कि मैं पा चूका हूँ, … पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिए दौड़ा चला जाता हूँ, जिसके लिए मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था” (फिलिप्पियों 3:12) l यीशु के अनुयायी होकर, हम यीशु द्वारा उस अनुग्रह और सामर्थ्य से थामे जाकर दूसरों को क्रूस का सन्देश पहुंचाते हैं l “मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूँ, अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है” (गला. 2:20) l

हमारा प्रभु प्रतिदिन हमें अपने प्रेम से थामता हैं-और हम उसके प्रेम का सन्देश दूसरों को देते हैं l