वाल्ट डिज़नी ने सर्वप्रथम चलचित्र की आवाज़ सुनने का स्टीरियोफोनिक धवनि” या सराउंड साउंड प्रस्तुत किया क्योंकि निर्माता चाहते थे कि दर्शक संगीत एक नए ढंग से सुने l
किन्तु “सराउंड साउंड” का उपयोग हजारों वर्ष पहले, नहेम्याह ने यरूशलेम की पुनःनिर्मित दीवार के समर्पण के समय किया था l “मैं ने यहूदी हाकिमों [के] … दो बड़े दल ठहराए, जो धन्यवाद करते हुए … चलते थे,” उसने कहा (नहे. 12:31) l दो संगीत समूह दक्षिण की ओर, अर्थात् कूड़ाफाटक की ओर … चले l एक बांयीं ओर और दूसरा दाहिनी ओर चला, और उन्होंने यरूशलेम की शहरपनाह को स्तुति से घेर लिया (पद. 31, 37-40) l
संगीत समूहों ने लोगों को आनंद करने में अगुवाई की क्योंकि “परमेश्वर ने उनको बहुत ही आनंदित किया था” (पद.43) l वास्तव में, उनके आनंद की ध्वनि दूर दूर तक फ़ैल गई (पद.43) l
उनकी प्रशंसा परमेश्वर की सहायता का परिणाम था क्योंकि लोग सम्बल्लत जैसे शत्रुओं के विरोध पर विजय पाकर दीवार को पुनःनिर्मित किया था l परमेश्वर ने हमें क्या दिया है जिससे आनंद और प्रशंसा उमड़ता है? परमेश्वर का हमारे जीवनों में स्पष्ट मार्गदर्शन? या हमारा एकमात्र उपहार : उद्धार?
शायद हम अपनी प्रशंसा से “सराउंड साउंड” नहीं रच सकते, किन्तु हम परमेश्वर द्वारा प्राप्त “महान आनंद” में आनंदित हों l तब दूसरे हमें परमेश्वर की प्रशंसा करते सुनकर हमारे जीवनों में उसके कार्य देख सकते हैं l
हम कभी भी यीशु की अत्याधिक प्रशंसा नहीं कर सकते!