चार्ल्स लोवेरी ने अपने मित्र से पीठ के निचले भाग में दर्द की शिकायत की l उसे सहानुभूतिक शब्द नहीं, किन्तु ईमानदार मूल्यांकन मिला l उसके मित्र ने कहा, “मेरे विचार से तुम्हारी पीठ की समस्या है l तुम्हारा अत्याधिक बड़ा पेट तुम्हारे पीठ को खींच रहा है l
REV! पत्रिका के अपने लेख में, चार्ल्स ने लिखा कि वह अपमानित होने की बजाए अपना वजन कम करके पीठ के दर्द से छुटकारा पा लिया l चार्ल्स ने पहचाना कि “खुली हुई डांट गुप्त प्रेम से उत्तम है l जो घाव मित्र के हाथ से लगें वह विश्वासयोग्य हैं” (निति. 27:5-6) l
मुसीबत यह है कि अक्सर हम आलोचना के फाएदे से अधिक बड़ाई द्वारा बर्बाद होना चाहते हैं, क्योंकि सच्चाई तकलीफ़देह होती है l यह हमारे अहम को चोट पहुंचाती है, और हमें असहज करके परिवर्तन चाहता है l
सच्चे मित्र हमारी हानि में आनंदित नहीं होते हैं l बल्कि, अपने अधिक प्रेम के कारण हमें धोखा नहीं देते l ये वे हैं, जो प्रेम से, हमें हमारी वास्तविक स्थिति को पहचानने और उसके अनुकूल जीना सिखाते हैं l वे हमें हमारी पसंद और नापसंद बताते है l
सुलेमान नीतिवचन में ऐसी मित्रता का सम्मान करता था l यीशु इससे भी आगे कहता है-उसने केवल हमारे विषय सच बताने के लिए हमारे तिरस्कार के घाव नहीं सहे किन्तु हमारे प्रति अपना अगाध प्रेम दर्शाने के लिए l
मित्र वह है जो प्रेम के साथ आपको सच्चाई बता देता है l