R70i उम्र पोशाक पहन लें और आप तुरंत खुद को कमज़ोर दृष्टिवाला , ऊंचा सुनने वाला, और चलने-फिरने में सीमित, 40 वर्ष अधिक उम्र का महसूस करने लगेंगे l देखभाल करनेवालों द्वारा अपने मरीजों को बेहतर समझने के लिए उम्र पोशाक बनाया गया है l वाल स्ट्रीट जर्नल (अख़बार) के संवाददाता जेफरी फौलर ने एक उम्र पोशाक पहनने के बाद लिखा, “हमेशा याद रहनेवाला और कभी-कभी तकलीफ़देह, यह अनुभव केवल बुढ़ापा पर ही प्रकाश नहीं डालता है, किन्तु प्रभाव डालनेवाली वास्तविक सामग्री भी हमदर्दी सिखा सकती है और हमारे चारों ओर के संसार के विषय हमारे दृष्टिकोण को आकार दे सकती है l”
हमदर्दी दूसरों की भावनाओं को समझने और उसे साझा करने की शक्ति है l यीशु के अनुयायियों के कठिन सताव के समय, इब्रानियों के लेखक ने सह-विश्वासियों से कहा, “कैदियों की ऐसी सुधि लो कि मानो उनके साथ तुम भी कैद हो, और जिनके साथ बुरा बर्ताव किया जाता है, उनकी भी यह समझकर सुधि लिया करो कि हमारी भी देह है” (इब्रानियों 13:3) l
हमारे उद्धारकर्ता ने भी ऐसा ही हमारे साथ किया l यीशु हमारे समान बनाया गया, “सब बातों में भाईयों के समान … जिससे वह … लोगों के पापों के लिए प्रायश्चित करे l क्योंकि जब उसने परीक्षा की दशा में दुःख उठाया, तो वह उनकी भी सहायता कर सकता है जिनकी परीक्षा होती है” (2:17-18) l
मसीह प्रभु, जो हमारे समान बन गया, हमें दूसरों के साथ खड़े होने के लिए बुलाता है “मानो जैसे [हम] उनके साथ” उनकी ज़रूरत के समय थे l
यीशु हमें दूसरों के साथ खड़े होने के लिए बुलाता है मानों हम उनकी जगह पर हों l