अवसर की ओर कदम बढ़ाना
आम व्यक्तियों के समान, पर्याप्त व्यायाम के लिए मैं भी संघर्ष करता हूँ। हाल ही में मुझे एक पेडोमीटर मिला जो कदमों को गिनता है। अब सोफे से उठना कुछ और कदम चलने का अवसर लगता है। ऐसे काम करना जैसे बच्चे को पानी ला देना आदि ऐसे अवसर होते हैं जो बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ने में मेरी सहायता करते हैं। उस अर्थ में, मेरे पैडोमीटर ने मेरी धारणा और मेरी प्रेरणा बदल दिए हैं। अब जितना संभव हो मैं कुछ और कदम चलने के अवसर ढूंढता हूँ।
हमारा मसीही जीवन क्या कुछ ऐसा ही नहीं है। प्रत्येक दिन में लोगों की सेवा करने और उनसे बातचीत करने के अवसर होते हैं, जैसा पौलुस कुलुस्सियों 4:5 में समझाते हैं। परंतु क्या मैं साधारण प्रतीत होने वाली बातचीत में उत्साहजनक व्यक्ति होने के अवसर पर ध्यान देता हूँ? चाहे परिवार से, सहकर्मियों से या किराने की दुकान में काम करने वाले एक क्लर्क से हो, प्रत्येक बातचीत में परमेश्वर कार्य कर सकते हैं-भले ही वह “छोटी सी” प्रतीत होने वाली बात क्यों न हो, जैसे किसी रेस्तरां में वेटर से उसका हाल चाल पूछना।
जब हम उन अवसरों के प्रति सचेत होंगे जिन्हें वे हमारी ओर भेजते हैं, तो कौन जाने कि परमेश्वर उन क्षणों में कैसे काम करेंगे।
राष्ट्रीय खजाना
एक विज्ञापनदाता के दाऊद की माइकल एंजेलो द्वारा निर्मित प्रसिद्ध संगमरमर की मूर्ति के चित्र में परिवर्तन कर देने से इटली की सरकार और गैलरी के अधिकारियों ने आपत्ति की। एक अधिकारी ने कहा, कंधे पर गुलेल के स्थान पर राइफल के साथ दाऊद का चित्रण करना मूर्ति पर हथौड़ा मारने जैसा है या उससे भी बदतर।
यरूशलेम में, चरवाहा-गीतकार और सैनिक-राजा दाऊद से इजरायल की प्रियत्तम यादें और आशाएं जुड़ीं थी। भविष्यद्वक्ताओं के अनुसार दाऊद का वंशज इजरायल के दुश्मनों को हराएगा। सदियों बाद भीड़ ने यीशु का स्वागत दाऊद की सन्तान के रूप में (मत्ती 21:6-9), यह सोच के किया कि वह उनपर राज करने वाली रोमी सत्ता का नाश करेंगे। परन्तु यीशु ने तो अपने पिता के घर को प्रार्थनाघर के रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए वहां लेन देन करने वालों की चौकियां उलट दीं। इज़राइल के अगुवे क्रोधित थे। यह वह मसीहा और दाऊद का पुत्र नहीं था, जिसे वे खोज रहे थे। इसलिए बिना जाने कि वे क्या कर हैं, उन्होंने रोमी शासकों से इज़राइल की सच्ची महिमा के हाथों और पैरों के लिए हथौड़ा मांग लिया। यीशु ने खुद को क्रूस पर उठाए जाने दिया और अपने शत्रुओं पर प्रेम से विजय पाई और सुसमाचार के प्रसार के लिए जाति-जाति की संतानों को नियुक्त किया।