आम व्यक्तियों के समान, पर्याप्त व्यायाम के लिए मैं भी संघर्ष करता हूँ। हाल ही में मुझे  एक पेडोमीटर मिला जो कदमों को गिनता है। अब सोफे से उठना कुछ और कदम चलने का अवसर लगता है। ऐसे काम करना जैसे बच्चे को पानी ला देना आदि ऐसे अवसर होते हैं जो बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ने में मेरी सहायता करते हैं। उस अर्थ में, मेरे पैडोमीटर ने मेरी धारणा और मेरी प्रेरणा बदल दिए हैं। अब जितना संभव हो मैं कुछ और कदम चलने के अवसर ढूंढता हूँ।

हमारा मसीही जीवन क्या कुछ ऐसा ही नहीं है। प्रत्येक दिन में लोगों की सेवा करने और उनसे बातचीत करने के अवसर होते हैं, जैसा पौलुस कुलुस्सियों 4:5 में समझाते हैं। परंतु क्या मैं साधारण प्रतीत होने वाली बातचीत में उत्साहजनक व्यक्ति होने के अवसर पर ध्यान देता हूँ? चाहे परिवार से, सहकर्मियों से या किराने की दुकान में काम करने वाले एक क्लर्क से हो, प्रत्येक बातचीत में परमेश्वर कार्य कर सकते हैं-भले ही वह “छोटी सी” प्रतीत होने वाली बात क्यों न हो, जैसे किसी रेस्तरां में वेटर से उसका हाल चाल पूछना।

जब हम उन अवसरों के प्रति सचेत होंगे जिन्हें वे हमारी ओर भेजते हैं, तो कौन जाने कि परमेश्वर उन क्षणों में कैसे काम करेंगे।