कभी-कभी जीवन व्यस्त होता है-कक्षाएं कठिन और काम थकाऊ लगते हैं, बाथरूम साफ करना, और किसी से मिलने जाना। मैं इतनी व्यस्त हो जाती हूँ कि कुछ मिनट बाइबिल पढ़ने के लिए खुद को मजबूर करती हूँ, फिर खुद से वादा करती हूं कि अगले सप्ताह परमेश्वर के साथ अधिक समय बिताऊँगी। परन्तु ध्यान भटक जाता है, दिनभर काम से भरा रहता है, और परमेश्वर से मदद मांगना याद नहीं रहता।
जब पतरस यीशु के पास जाने को पानी पर चलने लगा, तो जल्द ही हवा और लहरों से डर गया। मेरी तरह वह डूबने लगा (मत्ती 14:29-30) पतरस के पुकारते ही “यीशु ने तुरन्त…” (पद 30-31)।
लगता है कि इस तरह व्यस्त रहने की और परमेश्वर की ओर से ध्यान भटकाने की भरपाई करने के लिए मुझे परमेश्वर के लिए कुछ करना पड़ेगा। परन्तु परमेश्वर ऐसे कार्य नहीं करते। जैसे ही हम सहायता के लिए उनके पास जाते हैं, यीशु तुरंत थाम लेते हैं।
जीवन की भाग-दौड़ जब हमें भटकाती हैं, तो हम सहज ही भूल जाते हैं कि हमारे तूफान के बीच परमेश्वर हमारे साथ हैं। यीशु ने पतरस से पूछा, “तू ने क्यों…?” (पद 31) हम चाहे जिस स्थिति से गुजर रहे हों, वह यहीं हैं। वह हर क्षण हमारे साथ हैं, हमें थाम कर बचाने के लिए तैयार हैं।
परमेश्वर प्रतीक्षा करते हैं कि हम उनकी ओर मुड़े ताकि वे हमारी मदद कर सकें।