विलियम केरी इंग्लैंड के नार्थएम्पटन के निकट एक गरीब परिवार में जन्मा एक रोगिहा लड़का थाl उसका भविष्य ज्यादा उज्जवल प्रतीत नहीं होता थाl परन्तु परमेश्वर की उसके लिए योजनाएँ थींl समस्त बाधाओं के बावजूद, वह भारत आया, जहाँ वह अतुलनीय सामाजिक बदलाव लाया और बाइबिल का अनेक भारतीय भाषाओँ में अनुवाद कियाl उसने परमेश्वर और लोगों से प्रेम किया और परमेश्वर के लिए अनेक कार्य पूर्ण किएl 

यिशै का पुत्र, दाऊद अपने परिवार में सबसे छोटा एक साधारण सा लड़का थाl वह बैतलहम की पहाड़ियों पर एक मामूली सा चरवाहा प्रतीत होता था (1 शमूएल 16: 11-12) l फिर भी परमेश्वर ने दाऊद के हृदय को देखा और उसके पास दाऊद के लिए एक योजना थीl राजा शाऊल को अनाज्ञाकारिता के कारण परमेश्वर के द्वारा अस्वीकार कर दिया गया थाl नबी शमूएल शाऊल के चुनावों के कारण दुखी था, परन्तु परमेश्वर ने शमूएल को एक अन्य राजा, यिशै के पुत्रों में से एक को अभिषिक्त करने के लिए बुलायाl

जब शमूएल ने सुन्दर और लम्बी कद-काठी वाले एलीआब को देखा, उसने स्वाभाविक रूप से विचार किया, “निश्चय यह जो यहोवा के सामने है वही उसका अभिषिक्त होगा” (पद 6) l परन्तु राजा का चुनाव करने के लिए परमेश्वर की युक्ति शमूएल से भिन्न थीl परमेश्वर ने यिशै के छोटे पुत्र को छोड़ प्रत्येक पुत्र के लिए मना कर दियाl दाऊद को राजा चुनना परमेश्वर की ओर से एक योजनाबद्ध रीति किया गया कार्य निश्चयत नहीं लगता; या पहली नज़र में यह ऐसा ही प्रतीत होता हैl एक युवा चरवाहे के पास अपने समुदाय को देने के लिए क्या होगा, बस अपने राष्ट्र को अलग-थलग कर देने के अलावा?

यह जानना कितना आरामदायक है कि परमेश्वर हमारे हृदयों को जानता है और उसके पास हमारे लिए योजनाएँ हैंl